32 मीटर गहरी टनल में उतरे मुख्यमंत्री मोहन यादव

उज्जैन में कहा-1500 करोड़ से शिप्रा पुन: पहले की तरह दिखेगी, कार्तिक मेला ग्राउंड में सेवरखेड़ी परियोजना का किया भूमिपूजन

उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को कान्ह क्लोज डक्ट डायवर्जन परियोजना का निरीक्षण किया। गुणवत्ता देखने के लिए वे बामोरा गांव स्थित 32 मीटर गहरे शाफ्ट-3 की टनल में उतर गए।

मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि सिंहस्थ 2028 को देखते हुए यह परियोजना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे कान्ह का दूषित जल क्षिप्रा के किसी भी तट पर नहीं मिलेगा। कान्ह नदी का पानी गंभीर नदी के डाउनस्ट्रीम तक शुद्धीकरण कर पहुंचाया जाएगा। जिससे किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी भी मिल पाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1500 करोड़ की लागत से शिप्रा नदी पुन: पहले की तरह दिखेगी।

हमसे जाने-अनजाने में पाप हो गया

मुख्यमंत्री कार्तिक मेला ग्राउंड भी पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि इतिहास आज के दिन को याद रखेगा। कान्ह नदी के कारण उज्जैन की शिप्रा नदी का जल खराब हो रहा था। कई बार संतों ने इसको लेकर प्रदर्शन भी किया।

नदी जोड़ो का अटल जी ने सपना देखा था। इसको कांग्रेस ने कई सालों तक लटका के रखा था। इस योजना से उज्जैन में शिप्रा नदी जल शुद्ध और प्रवाहमान रहेगा। दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है कि 1969 का सिंहस्थ कुंभ हुआ।

उसके बाद 1980 में हुआ। यहां आए तो थे शिप्रा जी में नहाने और नहा लिए गंभीर के पानी से। यह हमारे से जाने-अनजाने में पाप हो गया। 1992 और 2004 में भी यही करना पड़ा। ऐसे में 2014 में नर्मदा जी शिप्रा में मिलनी पड़ी।

पूर्व पीएम मनमोहन को कहा मौनी बाबा

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर नदी जोड़ो परियोजना को लटकाने का आरोप गया। कहा कि सामने तो मौनी बाबा पीएम मनमोहन की सरकार थी लेकिन सरकार पीछे सेचलती रही। कार्यक्रम के बाद सीएम ने मकर संक्रांति पर्व पर बहनों को सुहाग चूड़ा कंगन के साथ साथ बच्चो को पतंगे भेंट की।

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