हर माह कंपनी द्वारा इस तरह वेतन देने में की जाती है देर
उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर में सिक्यूरिटी का ठेका संभालने वाली क्रिस्टल कंपनी द्वारा अपने कर्मचारियों को वेतन देने में लेतलाली की जा रही है। लगभग हर माह आधा महीना गुजर जाने के बाद वेतन दिया जाता है। इस व्यवस्था से मंदिर के सुरक्षा गार्ड परेशान हैं, लेकिन कंपनी का ढचरा नहीं सुधर रहा है।
महाकालेश्वर मंदिर में जो भी सिक्यूरिटी कंपनी ठेका संभालती है, वो अपने कर्मचारियों को वेतन देने में लेतलाली करती है। मंदिर के कई सुरक्षा गार्डस शहर से बाहर से आकर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। उज्जैन में वे किराये के मकान सहित खानापीना आदि की वस्तुओं के लिये इसी वेतन पर निर्भर हैं। लेकिन मंदिर द्वारा हर महीने आधा माह बीत जाने के बाद भी वेतन देने की सुध नहीं ली जाती। ऐसे में इनको अपना जीवन निर्वहन करना मुश्किल हो रहा है।
बीच में वेतन को लेकर सुरक्षा गार्डस ने हड़ताल भी करना चाही थी, लेकिन उनको बहलाफुसला कर शांत कर दिया था। ऐसे में सुरक्षा गार्डस का उज्जैन में रहना मुश्किल हो रहा है। ज्ञात रहे कि 10 जून 2021 को हर माह वेतन देने में लेतलाली करने पर तात्कालिन सिक्यूरिटी कंपनी एसआईएस को ब्लैक लिस्टेड कर बाहर कर दिया था। इसकी जगह सफाई का कार्य देखने वाली कृष्णा कंपनी को कार्यभार सौंप दिया गया था।
इसके बाद जो कंपनी आई उसने सही तरह से कार्य किया और समय पर सुरक्षा गार्डस को वेतन दिया, लेकिन उसी तरह की कार्रवाई ठीक क्रिस्टल कंपनी के जिम्मेदार कर रहे हैं।
हर बार यही रहता है बहाना
क्रिस्टल कंपनी द्वारा लगभग 500 सुरक्षा गार्डस से काम लिया जा रहा है। इसमें चिंतामन गणेश मंदिर, मंगलनाथ मंदिर, हरसिद्धि मंदिर, कालभैरव मंदिर सहित महाकाल मंदिर में गार्डस नियुक्त किये गये हैं। मंदिर के जिम्मेदारों का वेतन मामले में यही कहना होता है कि मंदिर से बिल पास नहीं होने के कारण दिक्कत आ रही है। लेकिन नियम और शर्तों में स्पष्ट लिखा होता है कि कंपनी को समय पर वेतन देना होगा।
70 से 80 गार्डस नौकरी छोड़ चुके
कंपनी द्वारा वेतन देने में हर माह हो रही लेतलाली को देखते हुए मंदिर में तैनात सुरक्षा गार्डस नौकरी छोडक़र जाने लगे हैं। जानकारी में आया है कि अभी तक 80 के करीब गार्डस नौकरी छोडक़र जा चुके हैं। कुछ समय बाद 20 के करीब और गार्डस नौकरी छोडक़र जाने वाले हैं।