मामला : नौकरी के नाम पर ठगी का, एक दर्जन आरोपी बढ़ेंगे
उज्जैन, अग्निपथ। नौकरी के नाम पर सैकड़ों बेरोजगारों से करोड़ों रुपए ठगने वाली इंटरनेशिया कंपनी के इंडसइंड बैंक स्थित अकाउंट में एक करोड़ रुपए जमा मिले। जानकारी के बाद मामले की जांच कर रही चिमनगंज पुलिस ने खाता सीज करवा दिया। वहीं डायरेक्टर को तलाशने निकला दल शुक्रवार को दिल्ली पहुंच गया।
इंटरनेशिया कंपनी शहर में दो ऑफिस संचालित कर करीब दो साल से नौकरी का झांसा देकर बेरोजगारों को ठग रही थी। 3 मार्च को सतीश मोर्य सहित 35 युवाओं की शिकायत पर पुलिस ने कंपनी डायरेक्टर दीपक जोशी उसके साले मोहित जोशी व छह एजेंट सहित 9 लोगों पर लाखों रुपए ठगने का केस दर्ज किया था। तीन एजेंटों को जेल भेजने व कमलेश गुर्जर, सुनील कुमार, रोहित को रिमांड पर लेकर पूछताछ करने पर पुलिस को कंपनी का फ्रीगंज स्थित इंडसइंड बैंक में अकाउंट का पता चला। खाते मेेंं एक करोड़ रुपए जमा मिलने पर पुलिस ने खाता सीज करवा दिया।
याद रहे कंपनी दिल्ली से जोशी संचालित कर रहे थे। वह सोशल साइट पर बिना योग्यता के लाखों रुपए वेतन की पोस्ट करते थे। नौकरी की चाह में सैकड़ों युवा घर के सामान बेचकर कंपनी की शर्तानुसार 46500 रुपए जमा कर रहे थे, लेकिन एजेंटों के अलावा किसी को लाभ नहीं मिलता था।
कमीशन के लालच में बने एजेंट
रिमांड पर चल रहे एजेंटों ने कबूला मोटा कमीशन मिलने पर वह चेन सिस्टम से करीब एक दर्जन एजेंट भी बनाए। उन्होंने भी दर्जनों युवाओं से राशि जमा करवाई। जानकारी के बाद पुलिस अन्य एजेंटों को भी आरोपी बनाने की तैयारी कर रही है। हालांकि पहला लक्ष्य पहले मुख्य आरोपी डायरेक्टर दीपक व मोहित है, जिसे पकडऩे के लिए एसआई रवींद्र कटारे, आरक्षक श्यामचरण गुर्जर व शैलेष योगी शुक्रवार रात दिल्ली पहुंच गए।
बाइक वाले दे रहे थे बीएमडब्ल्यू का झांसा
ठगी के खुलासे के बाद अन्य पीडि़त भी सामने आते जा रहे हंै। उन्होंने बताया कि डायरेक्टर व एजेंट सेमिनार में थ्री पीस सूट में आते थे। एक दूसरे को लाखों कमाने वाला बताकर विश्वास दिलातेे थे कि अन्य लोगों को जोड़ेंगे तो जल्द बीएमडब्ल्यू कार खरीदने लायक हो जायेेंगे। हालांकि एजेंट खुद बाइक पर खुद घूमते दिखते थे।