घोष संचालन के साथ लाए पूर्व विद्यार्थियों को, स्कूल की घंटी बजाकर किया सम्मेलन प्रारंभ
उज्जैन, अग्निपथ। पूर्व छात्र सम्मेलन केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि बीते दिनों की यादों को ताज़ा करने का अवसर होता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए लोकमान्य तिलक शिक्षण समिति द्वारा 9 फरवरी को लोकमान्य तिलक विद्यालय एवं महाविद्यालय के पूर्व विद्यार्थियों का सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें 1970 से 2018 तक के लगभग 673 पूर्व विद्यार्थियों ने सहभागिता की। इस सम्मेलन ने एक ऐसा ही अनूठा अनुभव प्रदान किया, जहाँ विद्यार्थी अपने शिक्षण संस्थान की समृद्ध परंपराओं और उन अनमोल संबंधों को फिर से जीवंत कर पाए, जो उन्होंने यहाँ बनाए थे।
कार्यक्रम प्रात: 9 बजे से प्रारंभ हुआ जिसमें पूर्व विद्यार्थियों का स्वागत, चंदन तिलक एवं गुलाब जल की महक के साथ किया। इसके पश्चात समस्त विद्यार्थियों को किट प्रदान की गई। तत्पश्चात समस्त पूर्व छात्रों द्वारा पुरानी यादों को नवीन संकल्प के साथ अल्पाहार के दौरान साझा किया गया। आत्मीय मुलाकात की शुरुआत कर प्रसिद्ध काका के समोसे का आनंद लिया। सुबह का यह सत्र एक अनौपचारिक मिलन के रूप में हुआ, जिसमें पूर्व छात्र एक-दूसरे से मिले और संस्थान के वर्तमान वातावरण को आत्मसात किया।
इसके बाद राजाभाऊ महाकाल हाल में संस्था द्वारा संचालित अंतर्राष्ट्रीय स्तर व ख्याति प्राप्त मल्लखंब का प्रदर्शन किया गया, जो परंपरा और कला का अद्भुत संगम है जो संस्थान के गौरवशाली खेल इतिहास को दर्शाते हुए रोमांचित करता है। वर्तमान में 45 विद्यार्थियों एवं 4 प्रशिक्षकों द्वारा मल्लखंब के अद्भुत प्रदर्शन में छात्र एवं छात्राओं द्वारा दीप योग, पिरामिड एवं एकल प्रस्तुति का प्रदर्शन हुआ।
इसके पश्चात सभी पूर्व विद्यार्थियों को घोष संचालन के साथ उद्घाटन कार्यक्रम स्थल तक ले जाया गया। स्कूल की घंटी बजाकर उद्घाटन सत्र प्रारंभ किया गया। राष्ट्रगान एवं प्रार्थना पश्चात उद्धघाटन सत्र में सम्मेलन का औपचारिक शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व छात्र शोभा खन्ना, पूर्व छात्र डॉ. राकेश शिवहरे, पूर्व छात्र डॉ. सुहास निर्खीवाले, लोकमान्य तिलक विद्यालय के पूर्व प्राचार्य दिवाकर नातू सर, लोकमान्य तिलक शिक्षण समिति के अध्यक्ष किशोर खंडेलवाल, सचिव विश्वनाथ सोमण, कार्यपालन अधिकारी गिरीश भालेराव एवं कार्यक्रम की संयोजिका परिधि गुप्ता मंचासीन थे। इस सभागृह में कार्यकारिणी सदस्यों, पूर्व प्राचार्य, पूर्व शिक्षक ,अतिथि और वरिष्ठ पूर्व छात्र उपस्थित रहे।
सर्वप्रथम लोकमान्य तिलक शिक्षण समिति के कार्यपालन अधिकारी गिरीश भालेराव ने सभा को संबोधित करते हुए समाज में धर्म का पालन तथा पांच सामाजिक परिवर्तनों को आवश्यक बताया, जिसमें पर्यावरण, नागरिक कर्तव्य, परिवार प्रबोधन, सामाजिक समरसता और स्वदेशी भाव का जागरण हो। अध्यक्ष के आग्रह पर नातू सर ने पूर्व विद्यार्थियों को मुंह पर ऊंगली रखकर शांत रहने को कहा। तत्पश्चात शोभा खन्ना ने पूर्व शिक्षकों को याद करते हुए विद्यालय के अपने अनुभवों को साझा किया और साथ ही उनके लिए अपने मन के उदगार कविता के माध्यम से सबके समक्ष प्रकट करें।
इसके पश्चात डॉ राकेश शिवहरे ने सभी शिक्षकों को नमन करते हुए कहा कि स्कूल लाइफ इज द बेस्ट लाइफ और अपने कुछ पुराने संस्मरणों को सभी के समक्ष साझा किया। आपने समस्त मलखम्ब के विद्यार्थियों को 51000 की राशि के पुरस्कार की घोषणा भी की।
साथ ही डॉ. सुहास निरखीवाले ने अपनी स्कूल की यादें साझा करते हुए कहा कि शिक्षा सुविधाओं से नहीं, अच्छे शिक्षकों से होती है। आपने बताया कि प्राचार्य के एक प्रेरणादाई वाक्य ने उनके जीवन को बदल दिया। यह वाक्यांश उन्होंने सभी के समक्ष साझा किये। अंत में उन्होंने एक श्लोक प्रस्तुत किया। सचिव विश्वनाथ सोमण ने आगामी कार्य योजनाओं को सभी पूर्व विद्यार्थियों के समक्ष विस्तार से प्रस्तुत किया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में अध्यक्ष किशोर खंडेलवाल ने पूर्व विद्यार्थियों को ब्रांड एंबेसडर बताते हुए विद्यालय के विकास एवं विस्तार में सहयोग करने का आग्रह किया। उद्घाटन सत्र के अंत में कार्यक्रम की संचालिका परिधि गुप्ता ने सभागार में उपस्थित सभी पूर्व छात्रों का आभार माना।