देश के 100 बड़े मंदिरों से सरकारी नियंत्रण हटाने की उठी मांग

संकल्प के साथ 108 त्रिशूल लेकर प्रयागराज से शुरू हुई यात्रा उज्जैन पहुंची, जल्द मिलेगी प्रधानमंत्री से

उज्जैन, अग्निपथ। अंतरराष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद (आईएमपीसी) की महासंगम यात्रा देश के 12 ज्योतिर्लिंग और चार धामों की यात्रा करते हुए उज्जैन पहुंची है। यह यात्रा देश और विदेश के 120 शिवालयों के पुनर्निर्माण का संकल्प लेकर निकली है। 25 जनवरी को प्रयागराज से शुरू हुई इस यात्रा ने अब तक 9374 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर ली है। सैकड़ों मंदिरों और तीर्थस्थलों पर श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन कर चुके हैं।

महासंगम यात्रा का एक प्रमुख उद्देश्य देश के 100 बड़े मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराना है। इसके लिए परिषद जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर इस मांग को प्रस्तुत करेगी। उज्जैन के बाद यात्रा ओंकारेश्वर, मथुरा-वृंदावन, हरिद्वार, ऋषिकेश, उखीमठ होते हुए 21 फरवरी 2025 को दिल्ली में संपन्न होगी। इस यात्रा की शुरुआत महाकुंभ में 108 त्रिशूलों के जलाभिषेक के साथ हुई, जिन्हें 108 ऐसे शिव मंदिरों में स्थापित किया जाएगा, जहां पुनर्निर्माण की आवश्यकता है।

12 ज्योतिर्लिंग और 4 धामों में शिवलिंग एवं त्रिशूल प्रतिष्ठा, मंदिरों का सौंदर्गीकरण, लाइटिंग, जल व्यवस्था और वाई-फाई जैसी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। इस यात्रा का उद्देश्य मंदिरों की महिमा पुन: और वाई-फाई जैसी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। इस यात्रा का उद्देश्य मंदिरों की महिमा पुन: स्थापित करना और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है।

प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मुलाकात के लिए समय मांगा

आईएमपीसी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश यादव ने बताया कि देश के कई बड़े मंदिरों और तीर्थस्थलों पर सरकार का प्रशासनिक नियंत्रण है, जहां एसडीएम और तहसीलदार व्यवस्था संभालते हैं। मंदिरों में दर्शन के लिए शुल्क लिया जाता है, जो 1100 से 5100 रुपए तक होता है। यह सिर्फ मध्यप्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश के 100 बड़े तीर्थस्थलों की स्थिति है।

उन्होंने सरकार से अपील की कि मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर एक स्वतंत्र समिति गठित की जाए, जिसमें समाज के प्रतिष्ठित पत्रकार, डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, भारत रत्न और पद्म विभूषण सम्मानित व्यक्ति शामिल हों। इसके अलावा, स्थानीय महापौर, विधायक और सांसदों को भी इस समिति में समायोजित किया जाए। परिषद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री से मुलाकात के लिए समय मांगा है। अगर समय नहीं मिला, तो राष्ट्रपति से भेंट की जाएगी। यदि वहां भी समाधान नहीं निकला, तो प्रत्येक जिले में डीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

भगवा ऐप से जुड़ेगा मंदिरों का डिजिटल अभियान

आईएमपीसी के राष्ट्रीय महामंत्री एवं एवीपीएल इंटरनेशनल के चेयरमैन दीप सिहाग सिसाय ने बताया कि महासंगम यात्रा भगवा ऐप से भी जुड़ी है, जिसका उद्देश्य भारतीय संस्कृति और सभ्यता से युवाओं को जोडऩा है।

  • इस यात्रा में आईएमपीसी के वालंटियर जोड़े जा रहे हैं।
  • पूजा सामग्री विक्रेताओं के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है।
  • प्राचीन मंदिरों की सफाई और सौंदर्याकरण के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं।
  • आईएमपीसी का लक्ष्य 1 लाख वॉलंटियर जोडक़र धार्मिक स्थलों को पुनर्जीवित करना है।
  • भगवा ऐप सभी के लिए फ्री है और इसमें देश के बड़े मंदिरों को जोड़ा गया है, जिसे लोग ऑनलाइन देख सकते हैं।

इनका कहना

मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाए और उनके संचालन के लिए समिति का गठन किया जाए। भारत रत्न और पद्म विभूषण से सम्मानित व्यक्तित्व शामिल हो। -राजेश यादव, कार्यकारी अध्यक्ष, अन्तराष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक समिति

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