उदयपुर तक पीछा किया, तीन कैमरे बंद मिले पुलिस को
उज्जैन, अग्निपथ। कर सलाहकार अजेश अग्रवाल के ड्राइवर को ऑइल टपकने का झांसा देकर कार में रखे नौ लाख रुपए उड़ाने वाली गैंग का पता चल गया लेकिन उन्हेल में नौ लाख रुपए उड़ाने वाले गिरोह का अभी तक पता नहीं चला है। पुलिस ने इतना पता लगा लिया है कि गिरोह राजस्थान का है जो मध्यप्रदेश में आकर वारदातों को अंजाम देता है। पांच बदमाशों का यह गिरोह बहुत शातिर है। एक बच्चे को साथ में रखता है।
चार बदमाश निगरानी करते हैं और बच्चा वारदात को अंजाम देता है। पुलिस इस गिरोह के पीछे पड़ी हुई है। साइबर सेल पूरी मदद कर रहा है। सीसीटीवी फुटेज प्रदेश के अधिकांश थाना प्रभारियों तक पहुंचा दिए गए हैं। गौरतलब है कि इंदौर के पूर्णिमा पार्क इलाके में रहने वाले प्रेमचंद राठौर पत्नी ज्योति के साथ कार (एमपी 09 डीएन 2776) से 4 दिसंबर को उन्हेल पहुंचे थे।
यहां दोनों ने कचोरी खाने का मन बनाया। बस स्टैंड पर कचोरी वालों के कई ठेले हैं। कार वहीं पर पार्क कर दी। प्रेमचंद ने कहा, मैं कचोरी लेकर आता हूं तुम यहीं कार में रुको। वे कचोरी लेने चले गए। इसी बीच ज्योति लघु शंका के लिए चली गईं लेकिन कार का दरवाजा लॉक नहीं किया। कार में नौ लाख रुपए से भरा बैग रखा था। इधर से प्रेमचंद कचोरी लेकर आए और उधर से ज्योति भी आ गईं। सबसे पहले कार की सीट पर ही नजर पड़ी। दोनों के होश उड़ गए। सीट से बैग गायब था।
नाबालिग कार का दरवाजा खोल रहा है
सीसीटीवी से पता चला कि एक नाबालिग कार का दरवाजा खोल रहा है। वह बैग लेकर आगे बढ़ रहा है। इसके बाद वह तीन लोगों के संपर्क में आता है। इतनी जानकारी पुलिस के लिए पर्याप्त रहती है। थाना प्रभारी बस स्टैंड पर कार वालों से बात करते हैं। जानकारी मिलती है कि कार मारुति वैन अभी कुछ देर पहले रवाना हुई है। दिनेश कपासिया कुछ लोगों को लेकर उज्जैन गया है।
मैले कपड़ों में रखे थे 9 लाख रुपए
उन्हेल थाना प्रभारी अशोक शर्मा ने बताया कि यदि किसी सामान्य व्यक्ति को वह मैले कपड़े वाली पोटली मिल जाए तो वह किसी कीमत पर नहीं उठाएगा। कार में करीब 5 हजार रुपए कीमत का एक बैग रखा हुआ था। बैग में 1200 रुपए रखे हुए थे। गिरोह के बच्चे ने कीमती बैग को यह समझकर उठा लिया कि उसमें बड़ी रकम होगी। गिरोह की किस्मत इतनी अच्छी थी कि मैले कपड़ों की पोटली में ही 9 लाख रुपए रखे हुए थे। कपड़े चुराने के लालच में वह पोटली ले गया।
थाना प्रभारी ने बताया कि घटना के 1 घंटे बाद ही पुलिस की टीम इनके पीछे लग गई थी। पता चला कि यह गिरोह नागदा से बस में आया था और उन्हेल में कचोरी वालों के आसपास भ्रमण कर रहा था। सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि गिरोह उज्जैन गया है। यहां तक कि फुटेज पुलिस को मिल चुके थे। इसके बाद यह ट्रेन से आगे बढ़े।
पुलिस ने रतलाम तक पीछा किया। वहां के फुटेज भी प्राप्त हो गए। इसके बाद गिरोह उदयपुर जाने वाली गाड़ी में सवार हुआ। पुलिस टीम उदयपुर भी पहुंची। बदकिस्मती से उदयपुर में रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी कैमरों पर काम चल रहा था। सिर्फ तीन कैमरे ही काम कर रहे थे। यानी यह गिरोह किसी अन्य प्लेटफार्म से होकर आगे बढ़ गया।