शेषनाग धारण किया महाकाल ने
उज्जैन, अग्निपथ।महाकालेश्वर मंदिर में शिवनवरात्रि महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। बाबा महाकाल 17 से 25 फरवरी तक नौ अलग-अलग रूपों में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। बुधवार को भगवान महाकाल ने शेषनाग धारण कर भक्तों का ेदर्शन दिये।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग को भारत के बारह प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से प्रमुख एक माना जाता है। श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिवनवरात्रि का उत्सव बड़ी धूम-धाम व उल्हास के साथ मनाया जा रहा है। इस दौरान भगवान श्री महाकालेश्वर 25 फरवरी तक अलग-अलग नौ रूपों में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे। 26 फरवरी को महाशिवरात्रि महापर्व मनाया जायेगा। प्रतिदिन की भांति श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण में सभामंडप के समीप स्थित कोटितीर्थ के तट पर प्रात: 8 बजे से श्री गणेश पूजन व श्री कोटेश्वर महादेव भगवान का पूजन-अभिषेक-आरती के साथ शिव नवरात्रि महोत्सव के तृतीय दिवस का प्रारम्भ हुआ।
श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में 11 ब्राम्हणों द्वारा श्री महाकालेश्वर भगवान जी का अभिषेक एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ से किया गया। पूजन का यह क्रम 25 फरवरी तक प्रतिदिन चलेगा। दोपहर 3 बजे सांध्य पंचामृत पूजन के पश्चात श्री महाकालेश्वर भगवान ने चंदन व भांग श्रृंगार कर निराकार से साकार रूप धारण किया।
शिव नवरात्रि पर्व के तृतीय दिवस संध्या पूजन के पश्चात भगवान श्री महाकालेश्वर ने शेषनाग धारण कर भक्तों को दर्शन दिये। भगवान श्री महाकालेश्वर को नवीन वस्त्र के साथ मेखला, दुप्पटा, मुकुट, मुंड-माला, छत्र आदि से सुसज्जित कर भगवान जी का भांग, चंदन व सूखे मेंवे से श्रृंगार किया गया। साथ ही भगवान श्री महाकालेश्वर को नागकुंडल एवं फलों की माला के साथ शेषनाग धारण करवाया गया।
गुरुवार 20 फरवरी 2025 को श्री महाकालेश्वर भगवान श्री घटाटोप के स्वरूप में श्रद्धालुओं को दर्शन देगें।
भस्मारती में बाबा को मखाने की माला अर्पित
श्री महाकालेश्वर मंदिर में बुधवार तडक़े चार बजे पट खोलने के पश्चात भस्म आरती में भगवान महाकाल को जल से स्नान कराने के पश्चात मंत्रोच्चार के साथ दूध, दही, घी, शकर रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन किया गया। इसके बाद भांग,चन्दन, सूखे मेवे, सिंदूर, आभूषण से मनमोहक श्रृंगार किया गया। कपूर आरती के बाद भस्म आरती में भगवान गणेश माता पार्वती और कार्तिकेय का पूजन कर भगवान महाकाल को फल और मिष्ठान का भोग लगाया। नंदी हाल में नंदी जी का स्नान,ध्यान, पूजन किया गया।
इस दौरान भगवान को भस्म रमाई गई। भस्म आरती में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गयी। मान्यता है की भस्म अर्पित करने के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते है। इस दौरान पूरा मंदिर जय महाकाल के जयकारों से गूंज उठा।