नागदा, अग्निपथ। वर्ष 2020 में दीवाली के दूसरे दिन उमरना फाटक से कुछ दूरी पर एक युवक की लाश और बाईक मिली थी, पुलिस ने सडक़ दुर्घटना मानकर जांच शुरु की, जिसमें चार दिन में ही पुलिस ने हत्या कारण जमीन विवाद खोज निकाला और पंाच आरोपियों पर हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था। न्यायालय ने मंगलवार को पांच आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जिसमें एक आरोपी पहले से जेल बंद है जबकि शेष चार आरोपियों को पुलिस खाचरौद उपजेल लेकर पहुंची।
जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विवेक शुक्ला ने मंगलावर को धारा 302 में रशीद लाला, तौसीफ, वसीम एवं गणवत को आजीवन कारावास, प्रेमनारायण को धारा 302/120 बी में आजीवन कारावास की सजा, 500-500 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। बता दे कि वर्ष 2020 में 15 नवंबर की सुबह बिरलाग्राम पुलिस को उमरना फाटक से कुछ दूरी पर दिलीप पिता भेरुलाल पाटीदार उम्र 40 वर्ष निवासी बड़ावदा का शव सडक़ किनारे पड़ा मिला था, कुछ दूरी पर मृतक की बाईक भी मिली थी।
तत्कालीन बिरलाग्राम थाना प्रभारी हेमंतसिंह जादौन ने पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचकर मामला जांच में लिया। 19 नवंबर 2020 को एएसपी आकाश भूरिया, एसडीओपी खाचरौद अविनाशसिंह, सीएसपी नागदा मनोज रत्नाकर, टीआई श्यामचंद्र शर्मा नागदा ने बिरलाग्राम थाने पर पत्रकारवार्ता लेकर मामले का खुलासा किया, जिसमें बताया कि प्रेमनारायण पिता काशीराम पाटीदार का जमीन विवाद दिलीप पिता भेरुलाल पाटीदार से चल रहा है जिसको रास्ते से हटाने के लिए कमठाना निवासी रशीद लाला पिता शरीफ लाला से बात हुई, इसके लिए एवज में प्रेमनारायण ने रशीद लाला को पंाच लाख रुपए देने की बात कही थी।
एएसपी भूरिया के अनुसार रशीद लाला ने अपने बेटे तौसिफ पिता रशीद लाला, वसीम पिता रशीद, गणपत पिता गणेश के साथ मिलकर दिलीप की हत्या करने की रणनीति बनाई, 14 नवंबर की रात्रि रशीद लाला ने दिलीप को अपने खेत केे कुएं पर बुलाया और खुब शराब पिलाई, इसके बाद कार में बैठाकर उमरना फाटक के समीप लाए जहां, कार में रखी टॉमी, ल_ एवं पाईप से मारकर हत्या को अंजाम दिया था। शासन कि ओर पैरवी अभिभाषक विनोद व्यास ने की।