देररात तक 5 लाख श्रद्धालुओं से ज्यादा पहुंचेगा आंकड़ा, सेहरा दर्शन और दिन की भस्मारती
उज्जैन, अग्निपथ। महाशिवरात्रि पर्व पर उज्जैन शहर में भगवान शिव का असर नजर आया। पूरा शहर शिवमय हो गया था। महाकालेश्वर मंदिर में तो श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के लिये घंटों कतार में लगे हुए अपनी बारी का इंतजार करते रहे। हाल यह रहा कि अन्य शिवालयों के बाहर दर्शनार्थियों की कतारें लगी रहीं।
शाम तक 4 लाख से ज्यादा श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन कर चुके थे। महाकाल मंदिर में आम के साथ वीआईपी भी दर्शन करने पहुंचे। इनमें सीएम डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय उड्डयन मंत्री किशन रेड्डी और भजन गायक हंसराज रघुवंशी, उमा भारती, कैलाश विजयवर्गीय शामिल थे। सीएम ने सपत्नीक पूजन किया और नंदीहाल में ध्यान भी लगाया। शिवरात्रि पर भगवान महाकाल दर्शन के लिए देश भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु ट्रेन, बस और निजी साधनों से उज्जैन पहुंच रहे हैं। प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण के साथ ही सुलभ दर्शन के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
बैरिकेड्स में चलते रहे श्रद्धालु
प्रशासन द्वारा सामान्य दर्शन व्यवस्था कर्कराज पार्किंग से की गई है। यहां से बैरिकेड्स में श्रद्धालु नृसिंहघाट गेट के सामने से गौंड बस्ती होकर चारधाम जिकजेक से महाकाल लोक होते हुए मानसरोवर द्वार से मंदिर में प्रवेश कर रहे थे। निर्गम व्यवस्था बैरिकेड्स से होकर नई टनल के रास्ते बड़ा गणेश मंदिर की तरफ रही। यहां से हरसिद्धि चौराहा की तरफ लोगों जा रहे थे।
पीने का पानी और कारपेट व्यवस्था
बैरिकेड्स में चल रहे लोगों को धूप व गर्मी से बचने के लिए शामियाना लगाए गए थे। पेयजल व्यवस्था रही और श्रद्धालुओं के लिए बैरिकेड्स के अंदर पूरे मार्ग में कारपेट बिछाई गई थी। भारी गर्मी में भी श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के दर्शन तक पहुंचने में कोई असुविधा नहीं हुई। कुल मिलाकर प्रशासन द्वारा पहली बार दिमाग से की गई दर्शन व्यवस्था सफल हुई।
वीआईपी गेट पर व्यवस्था लडख़ड़ाती रही
नीलकंठ द्वार से वीआईपी सहित मीडिया और सरकारी कर्मचारियों की इंट्री रखी गई थी। यहां से प्रवेश के लिए लोगों के जत्थे के जत्थे निकलते रहे। जिनको पुलिस और क्रिस्टल कंपनी के गार्ड संभालने में नाकाम रहे। रही सही कसर सरकारी गाडिय़ों ने पूरी कर दी। पुलिस और अधिकारियों के चौपहिया वाहन बार बार आकर गेट की व्यवस्था को बिगाड़ रहे थे। पूरा गेट खोलने पर लोग अपने दोपहिया वाहन सहित प्रवेश कर रहे थे। यहां तक कि जिनके पास वीआईपी पास भी नहीं था, वह भी इस लवजामे में प्रवेश कर लाभ उठाते देखे गये। पुलिस के वाहन में उनके परिवार के लोग बैठकर दर्शन के लिये पहुंचते रहे।
मीडिया कर्मी परिवारों के साथ बदसलूकी
इस बार प्रशासन ने मीडियाकर्मियों के परिवार को दर्शन करवाने की अच्छी सुविधा प्रदान की थी। नीलकंठ द्वार से बस अथवा स्वयं के वाहन द्वारा प्रवेश की सुविधा मिल रही थी। पत्रकार अपने परिवार को दर्शन करवाने के लिये ला रहे थे। लेकिन क्रिस्टल कंपनी की कुछ सुरक्षाकर्मियों ने कई पत्रकार परिवार के साथ धक्का मुक्की भी की। इस मामले को लेकर पत्रकारों ने जलद्वार के सामने धरना प्रदर्शन भी किया।
जलद्वार-चांदीद्वार से वीआईपी प्रवेश चलता रहा
वीआईपी को भगवान के पास तक जाने से कौन रोक सकता है। यह बात इस महाशिवरात्रि पर भी महाकाल मंदिर में चरितार्थ हुई। जनद्वार और चांदी द्वार से ढेरों वीआईपी का प्रवेश सुबह से लेकर शाम तक चलता रहा। जब इस बारे में अधिकारियों को अवगत कराया गया तो उनका कहना था कि वीआईपी को कहां….प्रवेश दिया जा रहा है। इसका मतलब है कि प्रशासनिक अधिकारी वीडियो दिखाने के बाद भी मानने को तैयार नहीं थे कि जलद्वार और चांदी द्वार से वीआईपी का प्रवेश चलता रहा।