शाम को व्यापार मेले की शुरुआत के साथ गायक हंसराज और आनंद शिमणि ने दी शानदार प्रस्तुति
उज्जैन, अग्निपथ। महाशिवरात्रि पर्व पर बुधवार को विक्रमोत्सव 2025 का शुभारंभ दशहरा मैदान में रात 8.30 बजे केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में हुआ। दीप प्रज्जवलन के दौरान इनके साथ महापौर मुकेश टटवाल, निगम सभापति कलावती यादव, विधायक अनिल कालूहेड़ा भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम में पद्मश्री आनंदन शिमणि, हंसराज रघुवंशी और शिवादल भोपाल की शानदार प्रस्तुति भी हुई।
महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के बैनर तले बुधवार को विक्रमोत्सव के तहत मध्यप्रदेश में शुरू हो रहे सभी प्रमुख 51 महाशिवरात्रि मेलों और सिंहस्थ 2028 की रूपरेखा का लोकार्पण भी हुआ। दशहरा मैदान पर प्रसिद्ध गायक हंसराज रघुवंशी और शिवादल की सांगीतिक प्रस्तुति हुई। बुधवार को ही विक्रम व्यापार मेला, वस्त्रोद्योग, हाथकरघा उपकरणों की प्रदर्शनी, जनजातीय शिल्प, पारम्परिक व्यंजन एवं जनजातीय परंपरागत चिकित्सा शिविर का आयोजन हुआ।
विक्रमोत्सव के तहत वर्ष प्रतिपदा 30 मार्च गुड़ी पड़वा की रात शिप्रा तट पर गायिका श्रेया घोषाल की प्रस्तुति होगी।
शिवरात्रि पर निकली कलश यात्रा
विक्रमोत्सव के शुभारंभ कार्यक्रम के पहले 26 फरवरी को सुबह 10.30 बजे कलश यात्रा प्रारंभ हुई। यात्रा में विन्टेज कार, स्पोर्टस बाइक के साथ ही एनएसएस के विद्यार्थी व अन्य सदस्य वाहनों के साथ शामिल हुए। यात्रा क्षीरसागर से प्रारंभ होकर कंठाल चौराह, नई सडक़, फव्वारा चौक, मालीपुरा, चामुंडा चौराहा, ओवर ब्रिज, टावर चौक से नानाखेड़ा होकर इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में सम्पन्न हुई। यहां से कलश ले जाकर सम्राट विक्रमादित्य शोधपीठ में स्थापित किया गया। यात्रा में जनजाति कलाकारों की प्रस्तुति व शिव बारात भी शामिल रही।
125 दिन तक चलेंगे कार्यक्रम
26 फरवरी से 30 जून तक 125 दिन चलने वाले विक्रमोत्सव में प्रदर्शनी, वेद अंताक्षरी, संगीत, नृत्य, नाटक, चित्र, मूर्तिकला, पौराणिक फिल्मों का अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव, राष्ट्रीय विज्ञान समागम, अंतर्राष्ट्रीय इतिहास समागम, भारतीय बोलियों व हिन्दी भाषाई अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, पुस्तकों के प्रकाशन, विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के एप का लोकार्पण भी किया गया।
साथ ही प्रदेश का सबसे बड़ा सम्मान सम्राट विक्रमादित्य राष्ट्रीय सम्मान एवं तीन राज्य स्तरीय सम्राट विक्रमादित्य शिखर सम्मान प्रदान किए जाएंगे।