सीनियर प्रोफेसर डॉ. विजय गर्ग ने बताईं सावधानियां
उज्जैन, अग्निपथ। रमजान माह शुरु हो रहा है। रमजान में मुस्लिम समुदाय रोजा रखता है। इनमें बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं भी शामिल रहती हैं। अलसुबह शुरु हुआ रोजा शाम को इफ्तारी के साथ समाप्त होता है। इतना लंबा समय रोजा रखने से बीमार अथवा बीमारी की जकड़ में आये लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सीनियर फिजिशियन और कार्डियालॉजिस्ट डॉ. विजय गर्ग ने रोजा रखने के दौरान निम्र सावधानियां बरतने की सलाह दी है।
- जो बच्चे शक्कर की बीमारी से ग्रसित हंै, जिन बड़े आदमी को 3-4 बार इन्सुलिन लगाना पड़ता हो, जिनको बहुत ज़्यादा दिल की बीमारी के कारण सांस की तकली$फ हो या सूजन हो, जिनको 1-2 माह के अंदर ही दिल का दौरा पड़ा हो या दिल का ऑपरेशन हुआ हो उनको रोज़ा नहीं रखना चाहिये।
- कटे हुए खुले हुए फल नहीं खरीदे एवं सेवन ना करें।
- साफ स्वच्छ पानी एवं बरफ का उपयोग करें।
- सेहरी में बहुत ज़्यादा तला गला एवं नमक का उपयोग ना करें, उपर से नमक किसी भी खाद्य पदार्थ में ना डालें।
- निमित सूबे की दवा सेहरी के समय एवं रात की दवा इफ़्तारी में अपने डॉक्टर के अनुशंसा से परिवर्तन करें।
- यदि रमज़ान माह में बुख़ार ख़ांसी, सांस, छाती में दर्द, हाथ पांव, सिर दर्द, उल्टी दस्त तो अपने डॉक्टर से तुरंत सलाह लें।
- बहुत ज़्यादा धूप में नहीं बैठें एवं ज़्यादा कसरत वाला काम ना करें। ज़्यादा एक्सरसाइज ना करें।
- अपनी ब्लड प्रेशर एवं हार्ट की एवं शक्कर की दवायें चलने दें।
- साबुत अनाज, बीन्स हरी सब्जी, चने, सोयाबीन, बादाम, मूंगफली एवं दालों, सलाद- टमाटर प्याज नींबू का सेवन ज़्यादा करें, ब्रेड बिस्किट कम से कम खायें, ज़्यादा तेल में बनी हुई सब्जियां एवं डालडा घी का सेवन ना करें।
- भरपेट भोजन ना करें।
- डिब्बे बंद पदार्थ, कोल्ड ड्रिंक का उपयोग कम से कम करें।
- यदि आपको शक्कर की बीमारी है और सोच विचार में फर्क आ रहा हो, पसीना आ रहा हो , धूजनी चल रही हो, कन्फ्य़ूजऩ हो, घबराहट हो तो ये शरीर में शक्कर की कमी का कारण हो सकता है। इसके लिए तुरंत शक्कर की जाँच करा कर 1-2 ग्लूकोस के बिस्किट या मीठा खाना चाहिए।
- यदि आपको बार बार पेशाब आ रही हो या प्यास ज़्यादा लग रही हो , उल्टी हो रही हो, आँखों में दिखने में तकली$फ हो रही हो, पेट में दर्द हो तो ये शक्कर बढऩे का कारण हो सकता है। तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
- अगर आप हार्ट के शक्कर के या बीपी के मरीज़ हो तो डॉ विजय गर्ग कहते हंै कि मामूली सा छाती में दर्द या मामूली सी सांस भी बड़ी बीमारी में परिणीत हो सकती है। इसके लिए तुरंत आधी गोली डिस्पिरिन पानी में घोल कर जीभ के नीचे की आइसॉर्डिल की गोली लेकर अपने डॉक्टर से संपर्क करे।
- हो सके तो रमजान माह में हर 7-10 दिन के अंदर अपने डॉक्टर से परीक्षण कराएं।
- हर व्यक्ति अपना एक कार्ड जेब मेंं रखे जिसमें नियमित लेने वाली दवाओं का विवरण, बीमारी का उल्लेख, अपना एवं अपने घर वालों का अपने डॉक्टर का मोबाइल नंबर उल्लेखित हो।
- रमजान माह में सबसे अच्छी कसरत 2000 कदम पैदल चलना, योगा प्राणायाम एवं ध्यान करना है।