बायो-डीकंपोजर से बढ़ेगी मिट्टी की सेहत पराली जलाने की आदत होगी खत्म

देवास, अग्निपथ। जिले के पटाडी क्षेत्र में जनरल मिल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सामाजिक उत्तरदायित्व अन्तर्गत एवं बाएफ लाइवलीहुड्स द्वारा क्रियान्वित पुनर्योजी कृषि आधारित प्रोजेक्ट मालवधारा के अंतर्गत ग्राम पदमपुरा में किसानों को जागरूक करने हेतु एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया।

इस बैठक में देवास जिले के उप संचालक कृषि, गोपेश पाठक की गरिमामयी उपस्थिति थी। बैठक का प्रमुख उद्देश्य किसानों को फसल अवशेष (पराली) जलाने के दुष्प्रभावों से अवगत कराना और इसके स्थान पर बायो-डीकंपोजर तकनीक अपनाने हेतु प्रेरित करना था।

पराली जलाने से होने वाले दुष्प्रभाव और समाधान

बैठक में उप संचालक कृषि, गोपेश पाठक ने कहा कि वर्तमान पर्यावरणीय चुनौतियों को देखते हुए किसानों को पराली जलाने की प्रवृत्ति को रोकना अत्यंत आवश्यक हो गया है। उन्होंने किसानों को बताया कि पराली जलाने से न केवल मृदा की उर्वरता घटती है, बल्कि वायु प्रदूषण भी गंभीर रूप से बढ़ता है, जिससे मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

उन्होंने जानकारी दी कि कृषि विभाग द्वारा फसल अवशेष जलाने पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है और इस पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। इसके विकल्प के रूप में उन्होंने बायो-डीकंपोजर के उपयोग को अपनाने की सलाह दी, जो एक जैविक तकनीक है और फसल अवशेषों को तेजी से खाद में परिवर्तित कर मृदा की उर्वरता बढ़ाने में सहायक होती है। इस अवसर पर किसानों को पीकेवीवाई योजना के तहत जैविक खेती अपनाने के लाभों की भी जानकारी दी गई।

विशेषज्ञों ने दी उपयोगी जानकारी

बैठक में कृषि विस्तार अधिकारी प्रदीप सिलावट और पल्लवी कानोजे, प्रोजेक्ट मालवधारा के प्रोजेक्ट लीडर एवं बाएफ के विनय पाटीदार तथा इंजीनियर सुजीत क्षीरसागर उपस्थित रहे। इन विशेषज्ञों ने किसानों को पुनर्योजी कृषि, जैविक खेती, पराली प्रबंधन तकनीक, तथा मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

प्रोजेक्ट मालवधारा के अंतर्गत चलाए जा रहे प्रयासों पर चर्चा करते हुए विनय पाटीदार ने बताया कि इस परियोजना के माध्यम से किसानों को सतत कृषि पद्धतियों के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण संरक्षण में योगदान दिया जा सके और किसानों की उत्पादकता भी बढ़े।

इस जागरूकता कार्यक्रम में ग्राम पटाड़ी के बद्रीलाल जिराती, महेश चौधरी, ग्राम पदमपुरा के सुरवेश केलवा, आयुष केलवा एवं रामगोपाल सहित कई स्थानीय किसानों की सक्रिय भागीदारी रही उन्होंने इस पहल की सराहना की और बायो-डीकंपोजर तकनीक को अपनाने तथा जैविक खेती की ओर बढऩे की सहमति जताई।

उपसंचालक कृषि द्वारा देवास जिले में पुनर्योजी कृषि पर उत्कृष्ट कार्य करने के लिये जनरल मिल्स इण्डिया प्रा0लि0 एवं बाएफ लाइवलीहुड्स को धन्यवाद देते हुए शासन स्तरीय अभिसरण में पूर्ण सहयोग हेतु आश्वस्त किया।

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