महाराष्ट्र के चार लोगों से लिए थे भस्मआरती कराने के नाम पर 8500 रुपए
उज्जैन, अग्निपथ। महाराष्ट्र के पुणे से आए श्रद्धालुओं से भस्मआरती के नाम पर 8500 रुपए लेकर भस्मआरती नहीं कराने वाले दो लोगों के खिलाफ महाकाल थाना पुलिस ने धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर लिया है।
पुलिस ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की ओर से एक शिकायती आवेदन प्राप्त हुआ था। जिसमें उल्लेख था कि विद्या भूमकर निवासी पुणे अपने भाई जीवन, मोनिका पायगुड़े , रेशमा जगताप के साथ 2 मार्च को महाकालेश्वर दर्शन करने आईं थी। उक्त लोगों ने मंदिर में दर्शन करने के बाद भस्मआरती के बारे में जानकारी ली जिसमें पता चला कि 200 रुपए प्रति व्यक्ति के मान से भस्मआरती की परमिशन होती है।
लाइनम ें लगने के बाद भी वह परमिशन नहीं करा पाए। इसक े बाद उनका संपर्क दीपक वैष्णव से हुआ। उसने भस्मआरती परमिशन कराने के बदले 8400 रुपए की मांग की। विद्या भूमकर ने अपने भाई विजय के मोबाइल से दीपक वैष्णव को ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर किए, लेकिन उनकी परमिशन नहीं हो पाई। इस पर जब रुपए वापस लेने के लिए फोन लगाया तो दीपक ने फोन नहीं उठाया।
इसके बाद विद्या ने महाकाल थाना पुलिस और मंदिर समिति को शिकायती आवेदन दिया। महाकाल थाना पर मामला पहुंचा तो दीपक ने भक्तों के रुपए वापस दे दिए। कानूनी प्रक्रिया में उलझने के कारण भक्तों ने शिकायत वापस ले ली लेकिन समिति ने दोनों आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करा दिया।
पुजारी के सेवक के माध्यम से परमिशन कराता था
यह जानकारी मिली है कि दीपक वैष्णव भस्मआरती की परमिशन के लिए ग्राहक तलाश करता था और महाकाल मंदिर के पुजारी बबलू गुरु के सेवक राजू उर्फ दुग््गर के माध्यम से परमिशन कराता था। ग्राहक से मिले रुपए को दोनों आधा-आधा बांट लेते थे। पुलिस ने बताया कि विद्या भूमकर ने दीपक वेष्णव से मोबाइल पर संपर्क का प्रयास किया लेकिन उसका मोबाइल बंद आ रहा था।
भस्मआरती का समय निकलने के बाद दीपक से संपर्क हुआ। उससे रुपए वापस मांगे तो वह आनाकानी करने लगा। इसकी शिकायत लेकर विद्या भूमकर महाकाल थाने पहुंची।दीपक ने 4000 रुपए उन्हें वापस किए और बाकि रुपए बाद में देने की बात कही थी। पुलिस ने मंदिर समिति के पत्र के आधार पर शिकायत दर्ज की है।