इंदौर रोड स्थित शिवालय में 9 साल पहले सुपारी देकर की गई थी हत्या
उज्जैन, अग्निपथ। नीलगंगा थाना क्षेत्र स्थित शिवालय में 9 साल पहले हुई हत्या के मामले में मुख्य आरोपी खरगोश सहित उसके तीन साथियों को न्यायालय ने आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आरोपियों पर 30 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है।यह र्चिर्चत हत्याकांड स्मैक पाउडर बेचने व पुलिस को मुखबीरी करने की आश्ंाका में सुपारी देकर कराया गया था।
उपसंचालक अभियोजन राजेंद्र खांडेगर ने बताया कि 29 मई 2016 को इंदौर रोड़ स्थित शिवालय के पास खाली पड़े प्लॉट में एक युवक का शव पड़ा था। लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पुलिस पहुंची तो देखा कि मृतक के शरीर पर चोंट के निशान थे। पुलिस ने शव की शिनाख्ती कराई जिसमें पता चला कि मृतक सिकंदर उर्फ राजा पिता शम्सु था। पुलिस ने घटना स्थल से लोहे की टॉमी भी जब्त की जो हत्या में प्रयुक्त की गई थी। हमलावरों ने पत्थर से सिर कुचलकर सिकंदर की हत्या की थी।
पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर मामला विवेचना में लिया। मुखबीर की सूचना पर पुलिस ने आरोपी शादाब अली उर्फ खरगोश पिता जाकिर अली उम्र 36 साल निवासी बेगमबाग कॉलोनी को गिरफ्तार किया।
पूछताछ में उसने हत्या करना कबूल किया। पुलिस ने हत्या में शामिल शाकिर उर्फ शकरू पिता अब्दुल रसीद उम्र 35 साल निवासी नूरानी मस्जिद बेगमबाग और भूरा उर्फ भूुरू पिता शोहराब मेवाती उम्र 29 साल निवासी वजीर पार्क कॉलोनी को भी गिरफ् तार कर लिया।
न्यायालय में सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा परवेज उर्फ परवेश पिता महमूद खान और आजाद लाला उर्फ मम्मा पिता नियाज मोहम्मद बेगमबागा को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया।