(प्रतीकात्मक चित्र)
उज्जैन, अग्निपथ। पंवासा थाना क्षेत्र स्थित पांड्याखेडी में झोलाछाप महिला डॉक्ट र की वजह से नवजात शिशु की जान चली गई। मामले थाने पर पहुुंचने के बाद पुलिस क्लीनिक पर पहुंची तो झोलाछाप डॉक्टर फरार हो गई। स्वास्थ्य विभाग के समक्ष मामला पहुंचा तो अधिकारी पहुंचे और झोलाछाप डॉक्टर का क्लीनिक सील कर दिया।
पंवासा थाना प्रभारी रवींद्र कटारे ने बताया कि सदावल की रहने वाली श्यामू बाई अपनी बहू को डिलेवरी कराने के लिए चरक अस्पताल ले गई थी। यहां उन्हें माया मालवीय नामक महिला मिली जिसने नॉर्मल डिलीवरी की बात कर उन्हें पांड्याखेड़ी की एक डॉक्टर के बारे में बताया। श्यामू बाई उसकी बातों में आ गई और बहू को लेकर पांड्याखेडी में डॉ. तैय्यबा शेख के क्लीनिक पर पहुंची। फर्जी डॉक्टर तैयबा ने श्यामू बाई से नॉर्मल डिलेवरी कराने के 10 हजार रुपए लिए और उसकी बहू का प्रसव करा दिया।
प्रसव के दौरान नवजात की हालत खराब हो गई जिस पर फर्जी डॉक्टर तैय्यबा ने उन्हें वापस चरक अस्पताल भेज दिया। इस दौर शिशु की मौत हो गई। इस घटना के बाद शिशु के परिजन आक्रोशित होकर झोलाछाप डॉक्टर के पांड्याखेड़ी स्थित क्लीनिक पर पहुंचे जहां पर ताला लगा मिला। शिशु की मौत की खबर लगते ही डॉ. तैयबा शेख और प्रसूता कराने के लिए लाने वाली माया मालवीय फरार हो गई।
इसके बाद मृत शिशु के परिजन पंवासा थाने पहुंचे और अपने साथ हुई घटना पुलिस को बताई। इस पूरे मामले की जानकारी लगते ही स्वास्थ्य विभाग के आदेश पर माधव नगर अस्पताल प्रभारी डॉ. विक्रम रघुवंशी डॉ. शेख के क्लीनिक पर पहुंचकर छापा मारा। विभाग ने झोलाछाप का क्लीनिक सील कर दिया।
पीडित की मां श्यामू बाई और पति संजू ने बताया कि वह डिलीवरी के लिए चरक अस्पता ले गए थे। यहां से उनकी रिश्तेदार माया उन्हें पांड्याखेडी के निजी क्लीनिक ले गई थी। लेकिन केस बिगडने के बाद डॉक्टर और माया भाग गए। पंवासा थाना पुलिस ने सोमवार सुबह मृत नवजात के शव का पोस्टमॉर्टम कराया। फर्जी डॉक्टर और दलाल माया के खिलाफ पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामला जांच में लिया है। सीएमएचओ डॉ. अशोक पटेल ने बताया कि चरक अस्पताल में दलालों और शहर में क्लीनिक चला रहे झोलाछाप डॉक्टर्स के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इनके क्लीनिक सील किए जाएंगे।
भैरवगढ़ जेल का जेल महानिदेशक ने आकस्मिक निरीक्षण किया
उज्जैन, अग्निपथ। केन्द्रीय जेल अधीक्षक मनोज कुमार साहू ने जानकारी दी कि रविवार को केन्द्रीय जेल उज्जैन पर जेल महानिदेशक गोविन्द प्रतापसिंह ने आकस्मिक निरीक्षण किया।
उन्होंने जेल चिकित्सालय, मूर्ती कारखाना, बुनाई आदि कारखानों का निरीक्षण कर जेल में बंदियों से रूबरू चर्चा कर उनकी समस्याओं के संबंध में आवश्यक कार्यवाही कर निराकरण करने के निर्देश दिये गये। पाकशाला का निरीक्षण किया एवं भोजन की गुणवत्ता का अवलोकन कर भोजन टेस्ट किया। जिसमें भोजन की गुणवत्ता उत्तम पाई गई। डी.जी. जेल ने व्यवस्थाओं के प्रति संतोष व्यक्त किया ।