प्रदेश में अप्रैल में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव एक बार फिर आगे बढ़ाये जा रहे हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को कहा है कि परीक्षाओं के कारण नगरीय निकाय चुनाव अब जून-जुलाई में करायेंगे। यह संदेशा राजधानी से तुरंत पूरे प्रदेश में फैला, जिसे सुन उज्जैन के कई दावेदारों के चेहरे उतर गए।
चुनाव की आहट जनवरी से सुनाई देने लगी थी। पहले माना जा रहा था कि जनवरी-फरवरी में चुनाव होंगे, जो अप्रैल तक टल गए थे। अपनी किस्मत आजमाने चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर चुके कई लोग क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के लिए भागवत कथाओं का सहारा ले रहे हैं।
इस दौरान हर वार्ड में एक-दो जगह भागवत कथाएं हो रही हैं जिसके आयोजक भावी पार्षद प्रत्याशी हैं। कुछ जगह तो व्यास पीठ से ही पंडित जी निवेदन कर रहे हैं कि इनका ध्यान रखिएगा, ऐसा धार्मिक व्यक्ति नहीं मिलेगा, आप सभी की सेवा करेगा।
कई दावेदार पिछले महीने ऐसे धार्मिक आयोजनों को अंजाम दे चुके हैं। दो-चार लाख रुपए खर्च कर चुके यह भावी नेता चुनाव आगे बढऩे की खबर से सकते हैं। जून-जुलाई तक तो लोग आयोजन को भूल जायेंगे। दोबारा धर्म लाभ लेने के लिए फिर जेब ढीली करना होगी।