नाम पुकारने पर पति भीड़ में से पत्नी को तलाशकर लाया, फिर रंग से भरे कड़ाव में डाला
उज्जैन, अग्निपथ। मारवाड़ी माली समाज ने शुक्रवार को उर्दूपुरा में पति-पत्नी की अनोखी होली का आयोजन किया। श्री क्षत्रिय मारवाड़ी माली समाज द्वारा पति-पत्नी की अनोखी होली खेली गई। जिसमें महिलाओं के समूह के बीच से पति अपनी पत्नी को पहचान कर रंग से भरे कढ़ाव तक लाकर रंग से सराबोर करता है। माली समाज की यह परंपरा सिंधिया रियासत से चली आ रही है।
माली समाज के मंगल कछावा ने बताया कि समाज के सभी सदस्य शीतला सप्तमी पर समाज की उर्दूपुरा धर्मशाला में एकत्रित होकर होली का आयोजन करते है। इस होली में खास बात यह है कि केसरिया रंग से भरे कढ़ाव पर पति-पत्नी एक साथ होली खेलते हैं।
सबसे पहले माइक पर समाज के पुरुष सदस्य के नाम की आवाज लगाई जाती है। संबंधित पुरुष अपनी पत्नी को महिलाओं के समूह से खोजकर बाहर निकाल कर कढ़ाव तक लाता है। इसके बाद पति-पत्नी द्वारा होली खेली जाती है।
कढ़ाव में भरे रंग से पति और पत्नी एक-दूसरे पर रंग डालते हैं। अनोखी होली का आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में समाज के सदस्य पहुंचते हैं।
सिंधिया रियासत के पहले से खेली जा रही अनोखी होली
श्री क्षत्रिय मारवाड़ी माली समाज की अनोखी होली की परंपरा मराठा काल में सिंधिया रियासत के पहले से खेली जा रही है। माना जाता है कि सिंधिया रियासत के समय रियासत की महारानी भी होली देखने आते थी। उस समय ग्वालियर रियासत की ओर से माली समाज को ध्वजा निशान दिए गए हैं, जो आज भी समाज के मंदिर पर होली से शीतला सप्तमी तक लगाए जाते हैं।
शहर के आस-पास से भी महिला-पुरुष अनोखी होली देखने आते हैं। 200 साल से चली आ रही परंपरा निभाने के लिए 7 दिनी होली उत्सव में डांडिया नृत्य किया जा रहा है। परंपरागत होली उर्दूपुरा चौराहे पर शुक्रवार शाम 5 बजे शुरू हुई। इस बार पति-पत्नी जोड़े को लकी ड्रॉ से नकद राशि से पुरस्कृत किया गया।