धार, अग्निपथ। लोकायुक्त पुलिस के द्वारा आज सरदारपुर मे कार्यवाही करते हुये राजोद थाने के प्रधान आरक्षक बनेसिंह परमार के लिये रिश्वत लेते हुये उसके सहयोगी भारत डामर निवासी सिंदुरिया को रंगेहाथ गिरफ्तार किया। एक प्रकरण में ग्राम झिंझापाडा निवासी नानुराम ओसारी का नाम हटाने के एवज मे प्रधान आरक्षक द्वारा 50 हजार रुपए रिश्वत मांगी गई थी।
आवेदक द्वारा इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस इंदौर को गई थी। जिसमे लोकायुक्त पुलिस के द्वारा दल का गठन कर कार्यवाही की गई।
लोकायुक्त पुलिस के अनुसार नानूराम ओसारी (28 वर्ष) निवासी-ग्राम झिन्झापाडा. तहसील-सरदारपुर 14 मार्च को दोपहर में ग्राम बोला, तहसील सरदारपुर में भजन संध्या करने के लिये गया था। उसी दिन आवेदक के गांव में भगवान सिंह भाभर और सुरेश औसारी का झगड़ा हो गया था।
जिसकी रिपोर्ट भगवान सिंह की पत्नी छन्नुबाई ने पुलिस थाना राजोद में सुरेश औसारी के साथ-साथ आवेदक के परिवार के करीब 8 लोगों के खिलाफ दर्ज करवा थी, जिसका अनुसंधान पुलिस थाना राजौद के प्रधान आरक्षक बनेसिंह परमार द्वारा की जा रही थी।
15 मार्च को प्रधान आरक्षक बनेसिंह परमार ने आवेदक को थाने पर बुलाया। जब नानूराम ने घटना के वक्त गांव में न होने की जानकारी दी तो उसका नाम केस से हटाने के एवज में परमार ने 50 हजार रुपए की रिश्वत मांर्गी।
जिसकी शिकायत आवेदक द्वारा इंदौर लोकायुक्त एसपी राजेश सहाय को की गई। सत्यापन में शिकायत सही पाई जाने पर शुक्रवार को ट्रेप दल का गठन किया गया। आरोपी बनेसिंह परमार के कहने पर आरोपी भारत डामर द्वारा आवेदक से रिश्वत राशि 22 हजार 500 रू. प्राप्त करने पर आरोपी भारत डामर को रंगे हाथों पकड़ा गया।
भारत व प्रधान आरक्षक परमार दोनों आरोपियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा-7 एवं धारा 61(2) बी.एन. एस. 2023 के अंतर्गत कार्यवाही सर्किट हाउस सरदारपुर मे की गई। कार्यवाही दल मे डीएसपी सुनील तालान, निरीक्षक राहुल राजभिये, प्रधान आरक्षक प्रमोद यादव, आरक्षक विजय कुमार, आरक्षक अशीष नायडू, आरक्षक कमलेश परिहार, आरक्षक आशीष आर्य एवं शेरसिंह ठाकुर शामिल थे।