गौशाला से लापता 498 गोवंश का सुराग नहीं, दोषियों पर कार्यवाही नहीं होने पर लिया फैसला
उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन के पास खाचरौद स्थित मां बगलामुखी मंदिर के पीठाधीश संत स्वामी कृष्णानंद महाराज ने अपना आश्रम छोडऩे का मन बना लिया है। कृष्णानंद महाराज ने मंदिर से लगी हुई अपने नाम की करीब 3 बीघा जमीन भी कब्रिस्तान को देने का फैसला किया है।
संत कृष्णानंद ग्राम लेकोडिया की गोशाला से 498 गोवंश के लापता होने से दुखी हैं। इस मामले की न्यायिक जांच कर दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर वे कई दिनों से आवाज उठा रहे हैं। लेकिन अब तक दोषियों पर कार्यवाही नहीं होने के चलते उन्होंने जमीन दान करने और आश्रम छोडऩे का फैसला कर लिया है। वे 23 मार्च को सुबह 4:45 बजे हिमालय के लिए प्रस्थान करेंगे।
यह है पूरा मामला…
खाचरोद स्थित मां बगलामुखी मंदिर के पीठाधीश स्वामी कृष्णानंद महाराज ने ग्राम लेकोडिया की गोशाला से लापता 498 गोवंश की न्यायिक जांच का दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का ज्ञापन दिया था। प्रशासन द्वारा कार्यवाही नहीं करने पर देश भर से आए संत और अन्य लोगों ने नाराज होकर मुंडन भी करवा लिया था। कृष्णानंद ने गोशाला से गोवंश के लापता होने का दावा किया था। इसके बाद से ही वे लगातार दोषियों पर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।
इस दौरान उन्होंने नागदा विधायक पर भी पक्षपात का आरोप लगाते हुए एक वीडियो जारी किया था। उन्होंने बताया कि लेकोडिया की गोशाला में 1028 गाय रजिस्टर्ड हैं। रिपोर्ट में उस गोशाला में 530 गोवंश ही मिले। कृष्णानंद ने 14 जनवरी को पशुपालन मंत्री लखन पटेल को पत्र लिखकर 498 गोवंश लापता होने की जानकारी देते हुए, प्रशासन से इन्हें ढूंढने की मांग की थी। लेकिन लापता गोवंश का प्रशासन आज तक पता नहीं लगा पाई। कृष्णानंद ने यह गोवंश गो-मांस तस्करों को भेजने की आशंका भी जताई है।
आधी जमीन श्मशान, आधी कब्रिस्तान के नाम करने का फैसला
स्वामी कृष्णानंद ने आश्रम छोडऩे का निर्णय लेते हुए कहा कि जितनी जमीन मेरे नाम की है उसमें से आधी कब्रिस्तान और आधी श्मशान के नाम पर दान देकर जाऊंगा। कब्रिस्तान वालों से चर्चा चल रही है। शक्तिपीठ के पीछे वाले हिस्से को कब्रिस्तान के उपयोग में लिया जाएगा।
बीच वाले हिस्से में गोशाला रहेगी। जिसमें 10 से 11 गौ माता रहेंगी। भगवती का मंदिर यथा स्थान पर ही रहेगा। श्मशान भूमि पर सर्व सुविधा युक्त सेट अप का निर्माण कर 23 मार्च को सुबह 4:45 बजे हिमालय के लिए प्रस्थान करूंगा।