जावरा में प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड का विरोध

पैदल यात्रा के पहले हिरासत में आंदोलनकारी, उज्जैन तक निकालने वाले थे यात्रा

उज्जैन, अग्निपथ। रतलाम के जावरा-उज्जैन के बीच प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड फोरलेन का लगातार विरोध जारी है। शनिवार को जनसंघर्ष समिति जावरा से उज्जैन तक विरोध स्वरूप पैदल यात्रा निकालने वाले थे। इसके पहले ही जावरा में पुलिस ने सभी आंदोलनकारियों को हिरासत में ले लिया और पुलिस वाहन में बैठाकर ले गए। आंदोलनकारियों ने पुलिस वाहन से वीडियो जारी कर कहा है कि प्रशासन मनमानी कर रहा है। आवाज दबाने का प्रयास किया जा रहा है।

बता दें कि जावरा-उज्जैन के बीच प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड फोरलेन का हिस्सा शहरी क्षेत्र में आ रहा है। इसमें भूतेड़ा से महू-नीमच हाइवे के बीच प्रस्तावित 7 ब्रिज बनने है। ब्रिज बनने से स्थानीय दुकानदारों का व्यवसाय प्रभावित होगा। इस कारण से स्थानीय व्यापारियों व दुकानदारों द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है। प्रभावित चाहते हैं कि ब्रिज की जगह रोटरी डेवलप होना चाहिए। इसके अलावा अन्य विकल्प भी तलाशना चाहिए।

बायपास चौराहा पर एकत्रित हुए

मांगों को लेकर जन संघर्ष समिति शनिवार को जावरा से उज्जैन कमिश्नर कार्यालय तक पैदल यात्रा निकालने वाली थी। सुबह 10 बजे से जिला पंचायत सदस्य डीपी धाकड़, राजेश भरावा, जनसंघर्ष समिति के असलम मेव समेत अन्य प्रभावित जावरा जोयो होटल बायपास चौराहे पर एकत्र हुए। यहां पर धरना दिया। सभा को संबोधित किया।

पैदल यात्रा को रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया। यात्रा शुरू होने लगी तब पुलिस ने आंदोलन कर रहे जनसंघर्ष समिति सदस्यों समेत जिला पंचायत सदस्यों को हिरासत में लिया। पुलिस वाहन में बैठा लिया। पुलिस इन्हें कहां ले गई इस बारे में अभी पता नहीं चल पाया है। यहां तक धरने के लिए जो टेंट लगाया था. वह भी जावरा नगर पालिका द्वारा जब्त कर निकाल दिया।

पुलिस वाहन के अंदर से जारी किया वीडियो

पुलिस वाहन में बैठाकर ले जाते हुए का वीडियो जिला पंचायत सदस्य राजेश भरावा ने जारी किया है। इसमें वह कह रहे है कि प्रशासन आम जनता की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। हम शांति पूर्ण पैदल यात्रा निकालना चाहते है, लेकिन प्रशासन बेवजह बैठाकर ले जा रहा है। पुलिस वाहन में जिला पंचायत सदस्य डीपी धाकड़, किसान नेता राजेश पुरोहित व अन्य शामिल है।

प्रभावित गांवों से निकलना थी यात्रा

पैदल यात्रा फोरलेन प्रभावित गांवों में होकर 27 मार्च को उज्जैन पहुंचना थी। जहां कमिश्नर कार्यालय कोठी पैलेस में धरना देना तय किया था। 22 मार्च को यात्रा ग्राम हनुमंतिया, 23 को पाड़सुतिया, 24 को आक्या, 25 को अरोलिया जस्सा एवं 26 मार्च को ग्राम मांगरोला में रात्रि विश्राम कर 27 को उज्जैन पहुंचकर प्रदर्शन की रणनीति बनाई थी। लेकिन इसके पहले ही प्रशासन ने सभी को हिरासत में ले लिया।

इसलिए हो रहा विरोध

जावरा-उज्जैन के बीच प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड फोरलेन का हिस्सा शहरी क्षेत्र में आ रहा है। इसमें भूतेड़ा से महू-नीमच हाइवे के बीच प्रस्तावित 7 ब्रिज बनने है। ब्रिज बनने से स्थानीय दुकानदारों का व्यवसाय प्रभावित होगा। इस कारण से स्थानीय व्यापारियों व दुकानदारों द्वारा विरोध किया जा रहा है। प्रभावित चाहते हैं कि ब्रिज की जगह रोटरी डेवलप होना चाहिए। इसके अलावा अन्य विकल्प भी तलाशना चाहिए।

हम विकास विरोधी नहीं लेकिन कारोबार ठप नहीं होना चाहिए-डीपी धाकड़

विरोध कर रहे जिला पंचायत सदस्य व वरिष्ठ किसान नेता डीपी धाकड़ ने कहा कि हम भी विकास के पक्षधर हैं, लेकिन रोड की बनावट जिसमें 7 किमी में 6 अण्डरपास/ब्रिज जो कि जमीन से 24 फीट उंचे रहेंगे। फोरलेन इंटरचेंज के निर्माण के कारण आर्थिक हानि हमें होगी। हम चाहते हैं कि इस 7 किमी में जमीन से फोरलेन का निर्माण कर चौराहों पर रोटरी बना दी जाए। ताकि हमारा व्यापार-व्यवसाय प्रभावित ना हो।

समिति सदस्य चाहते है कि ग्रीन फील्ड जावरा-उज्जैन फोरलेन का निर्माण समतल हो। किसानों की भूमि अधिग्रहण हो रही, उसका चार गुना मुआवजा दिया जाए। शहरी क्षेत्र में स्लैब सिस्टम लागू किया जाए, उसी अनुसार मुआवजे की गणना की जाए।

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