कलेक्टर ने किया गर्भगृह और चांदी गेट निरीक्षक को निलंबित, बाद में हटाई फेसबुक पोस्ट
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध के चलते पुजारी परिवार द्वारा गर्भगृह से दर्शन करने के बाद फोटो और वीडियो फेस बुक पर वायरल कर दिया गया। जिसके चलते कलेक्टर ने गर्भगृह निरीक्षक और चांदी गेट निरीक्षक को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही एक अन्य गर्भगृह निरीक्षक को भी कलेक्टर ने जमकर फटकार लगाई है।
गुरुवार की सुबह 8 बजे पुजारी रमण त्रिवेदी के दामाद अमित उपाध्याय और उनकी बेटी सहित अन्य लोग भगवान महाकाल के दर्शन को चांदी द्वार से होकर आए और उन्होंने गर्भगृह में प्रवेश कर पंचामृत अभिषेक पूजन किया। इसके बाद इसके फोटो और वीडियो बनाकर इसको फेसबुक पर वायरल कर दिया।
मंदिर के पंडे पुजारियों ने जैसे ही फेसबुक पर इनके फोटो और वीडियो देखे तो उन्होंने इसकी सूचना मंदिर के सहायक प्रशासक प्रतीक द्विवेदी को दी। जिन्होंने कलेक्टर आशीषसिंह को इस वाकये से अवगत कराया। कलेक्टर ने गर्भगृह निरीक्षक राकेश श्रीवास्तव और चांदी गेट निरीक्षक नवीन शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। वहीं एक अन्य गर्भगृह निरीक्षक जितेन्द्र पांचाल को कलेक्टर ने जमकर फटकार लगाई।
हुआ यूं कि बुधवार की शाम 8 बजे के लगभग कुछ श्रद्धालु गर्भगृह की दहलीज से भगवान महाकाल के दर्शन कर रहे थे। इस दौरान कलेक्टर श्री सिंह नंदी हाल से होते हुए गर्भगृह की दहलीज पर पहुंचे तो उन्होंने वहां पर भीड़ देखकर गर्भगृह निरीक्षक को जमकर फटकार लगाई और निलंबित करने को कहा। हालांकि बाद में उसको निलंबित नहीं किया गया।
पंडे-पुजारीगण पोस्ट देखते ही भडक़े
पुजारी की बेटी ने पोस्ट करते हुए इस पर लिखा कि- कोविड 19 के चलते सालभर बाद भगवान महाकाल की असीम कृपा हुई….गर्भगृह से पंचामृत पूजन कराते हुए। इस पोस्ट को देखने के बाद मंदिर के पंडे-पुजारी आक्रोशित हो गए और उन्होंने इसकी शिकायत सहायक प्रशासक प्रतीक त्रिवेदी को की, जिस पर उन्होंने कलेक्टर आशीषसिंह को इस वाकये से अवगत कराया।
इसी बीच इस पोस्ट को फेसबुक से हटाकर पुराना फोटो पोस्ट कर दिया गया। जानकारी मिलने के बाद कलेक्टर श्री सिंह ने तुरंत दोनों को निलंबित कर दिया। मंदिर के पूर्व गर्भगृह निरीक्षक अशोक ठोमरे को व्यवस्था देखने के लिए सुबह की पाली में तैनात किया गया है।
पंचामृत अभिषेक श्रद्धालुओं के लिए बंद
पुजारी परिवार के लोगों ने शिवलिंग पर पंचामृत अभिषेक पूजन भी कराया था। जबकि कोविड के चलते किसी को भी मंदिर के गर्भगृह में जाकर पूजा करने की पात्रता नहीं है। केवल मंदिर के पंडे-पुजारियों को गर्भगृह में जाने की पात्रता है। लेकिन प्रतिबंध के बाद भी अपने रसूख का फायदा उठाते हुए पं. रमण त्रिवेदी ने मंदिर के नियमों की अवहेलना की।
इनका कहना है
मामला संज्ञान में आने के बाद दोनों को निलंबित कर दिया गया है। – मूलचंद जूनवाल, सहायक प्रशासक