पत्र में गंभीरता पूर्वक आवारा श्वान समस्या को निपटाने को कहा
उज्जैन, अग्निपथ। शहर में आवारा कुत्ता की बढ़ती संख्या और उनके काटने की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए एमआईसी सदस्य रजत मेहता ने निगम आयुक्त को मामले के निपटारे के बारे में पत्र लिखा है। उन्होंने इस मामले को गंभीरता से निपटाने के बारे में विचार करने को कहा है।
शहर में दिन प्रतिदिन आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। समय पर उनका टीकाकरण नहीं होने के कारण हर गली मोहल्ले में आवारा कुत्ते लोगों को काटने के साथ ही परेशान भी कर रहे हैं। रात्रि के समय मोहल्ले कुत्तों के भौंकने से गुंजायमान रहते हैं, जिससे लोगों की नींद में भी खलल पड़ता है।
इसके साथ ही रात्रि के समय निकलने वाले वाहन चालक भी इनके काटने अथवा वाहन तेज गति से चलाने के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। इस समस्या का समाधान आज तक नगरनिगम आयुक्त आशीष पाठक ने नहीं निकाला है। उनका एक ही कहना होता है- पशु क्रूरता अधिनियम अथवा ऐसी एनजीओ जो इनके लिये काम करती है, विरोध के कारण कार्रवाई नहीं हो पाती है। कोर्ट की गाइड लाइन का भी वह तर्क देते हैं। ऐसे में शहर में एक दिन आवारा श्वानों की संख्या नागरिकों से ज्यादा न हो जाए इसका अंदेशा है।
अभी तक चार से पांच हो चुके कालकवलित
आवारा कुत्ते की काटने अथवा उनके द्वारा हमला करने के कारण उज्जैन शहर में ही चार से पांच लोगों की मौत हो चुकी है। दो लोग तो रैबीज हो जाने के कारण कालकवलित हो चुके तो दो लोग पीछे भागने के कारण एक्सीडेंट हो जाने की वजह से मौत के मुंह में समां चुके हैं। चरक अस्पताल में भी प्रतिदिन 10 से 12 मामले कुत्ता काटने के आ रहे हैं। ऐसे में इस समस्या का निराकरण करने की जगह निगम आयुक्त कोर्ट की दलीलें देकर इससे मुंह मोड़ रहे हैं।