उज्जैन, अग्निपथ। महापौर परिषद् (एमआईसी)की बैठक में एक राष्ट्र एक चुनाव की अवधारणा पर विचार-विमर्श किया गया। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और इस देश में लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होते हैं तो यह विश्व पटल पर लोकतांत्रित देशों के लिए एक ऐतिहासिक संदेश होगा।
महापौर परिषद् के सभी सदस्य इस विषय पर एकमत थे कि लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव को एक साथ कराये जायें, जिससे विशेष रूप से प्रशासनिक व्यय की बचत हो एवं कम संसाधनों में अधिक से अधिक कार्य हो और साथ ही समय की भी बचत हो। एक राष्ट्र एक चुनाव’’ से राजनीतिक स्थिरता रहेगी जिससे राष्ट्र निर्माण के लिए दीर्घकालीन योजनाओं को बनाने के लिए नीति-निर्धारण में अनावश्यक विलम्ब नहीं होगा।
इससे मतदाताओं में जागरूकता और उत्साह बढ़ेगा, निश्चित रूप से लोकतंत्र को सशक्त किया जा सकेगा। एक राष्ट्र एक चुनाव भारत के लोकतंत्र को और अधिक पारदर्शी एवं मजबूत बनायेगा, इससे राष्ट्रीय एकता और अखण्डता भी सुदृढ़ होगी।
महापौर मुकेश टटवाल की अध्यक्षता में आयोजित मेयर इन काउंसिल की बैठक में महापौर द्वारा प्रस्तावित इस प्रस्ताव का एमआईसी मेम्बर्स शिवेन्द्र तिवारी, रजत मेहता, प्रकाश शर्मा, सत्यनारायण चौहान, जितेन्द्र कुवाल, अनिल गुप्ता, श्रीमती योगेश्वरी राठौर, सुगनबाई बाघेला एवं श्रीमती दुर्गा शक्तिसिंह चौधरी द्वारा समर्थन किया गया। बैठक में आयुक्त आशीष पाठक, अपर आयुक्त पवन कुमार सिंह, निगम सचिव मनोज कुमार मौर्य, उपयुक्त योगेंद्र पटेल, संजेश गुप्ता तथा अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।