उज्जैन शहर में 1 अप्रैल से शराबबंदी, माधव क्लब में शराब लाने और पीने पर प्रतिबंध

कालभैरव के मदिरा के भोग को लेकर अभी भी असमंजस बरकरार

उज्जैन, अग्निपथ। धर्मधान्य नगरी उज्जयिनी में 1 अप्रैल से शहरी क्षेत्र में मुख्यमंत्री के आदेश पर पूर्ण रूप से शराब पर प्रतिबंध रहेगा। शहर की 17 दुकानें और 11 बार पूरी तरह बंद हो जाएंगे। इधर शहर के प्रतिष्ठित माधव क्लब ने भी अपने सदस्यों से क्लब में शराब लाने और पीने पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही स्टॉक में मौजूद शराब और बीयर का नि:शुल्क सेवन करने के लिये आमंत्रित भी किया।

यह तो ठीक लेकिन कालभैरव को भोग के रूप में लगाये जाने वाली शराब कहां से आयेगी, इस पर अब भी संदेह बना हुआ है। सरकार की ओर से इसकी व्यवस्था किये जाने की बात चल रही है।

प्रदेश के 17 धार्मिक शहरों में शराब पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसमें उज्जैन शहर भी शामिल है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आदेश के बाद 1 अप्रैल से शहर की नगरनिगम सीमा के अंदर स्थित शराब की दुकानें और बार पूरी तरह से बंद हो जायेंगे।

ऐसे में बड़ी संख्या में शराब पीने वालों को घोर संकट की स्थिति का सामना करना पड़ेगा। कई लोग या तो अपना नशा बदल लेंगे या ब्लैक में बिकने वाली शराब पीने के लिये मजबूर हो जायेंगे। ऐसे में पुलिस की जिम्मेदारी बढ़ जायेगी। उसको बाहर से शराब खरीद कर लाने वालों की धरपकड़ करने की भी बड़ी जिम्मेवारी होगी।

अन्य जगह भेज रहे माल

ऐसा नहीं है कि हर दुकान पर रखा हुआ स्टॉक समाप्त हो गया है। इसको खपाने के लिये 31 मार्च की दोपहर से ही दुकानों में रखा हुआ स्टॉक को नगरनिगम सीमा के बाहर भेजने की तैयारी की जा रही थी। दुकानोंं के बाहर ट्रक लगा दिये गये थे, जिसमें शराब की पेटियां रखी जा रही थीं।

माधव क्लब सदस्यों को 31 को फ्री पीने की छूट

शहर के प्रतिष्ठित माधव क्लब के सचिव शैलेश कलवाडिय़ा ने अपने सदस्यगणों को आगाह करते हुए कहा कि उज्जैन शहर में सम्पूर्ण रूप से शराब बंदी कर दी गई है। माधव क्लब बार 1 अप्रैल से उक्त आदेशानुसार बंद हो रहा है, साथ ही सम्पूर्ण माधव क्लब परिसर में ( मेन गेट के अंदर, पार्किंग व अन्य किसी भी जगह ) शराब लाना व पीना पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा।

कोई भी सदस्य इस आदेश की अवहेलना करता है तो उसपर अनुशासनात्मक कार्रवाई कर उसकी क्लब की सदस्यता समाप्त हो सकती है । साथ ही उन्होंने 31 मार्च को क्लब के बार में स्टॉक में उपलब्ध लिकर और बीयर पीने के लिये सदस्यगणों को आमंत्रित भी किया, जोकि इस दिन पूर्णत: नि:शुल्क रही।

17 दुकानें और 11 बार पूरी तरह बंद हो जाएंगे

1 अप्रैल 2025 से उज्जैन के नगर निगम क्षेत्र में स्थित 17 कंपोजिट मदिरा दुकानें और 11 होटल/रेस्त्रां बार पूरी तरह बंद हो जाएंगे। हालांकि नगर निगम क्षेत्र के बाहर शहर से लगे हुए होटल मेघदूत, रुद्राक्ष और माली तडक़ा होटल बार खुले रहेंगे। नगर निगम सीमा क्षेत्र में (खुद के पीने के लिए) नियमानुसार आधिपत्य सीमा में मदिरा रख सकते हैं। आधिपत्य सीमा से अधिक मदिरा पाए जाने पर नियमानुसार आबकारी अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।

काल भैरव के लिए कैसे होगी शराब की व्यवस्था?

उज्जैन में वर्षों से काल भैरव को शराब का भोग लगता आया है, लेकिन आज 1 अप्रैल से उन्हें यह भोग कैसे लगाया जाएगा। इसे लेकर असमंजस की स्थिति बन रही है क्योंकि राज्य सरकार ने प्रदेश के जिन 17 धार्मिक शहरों की 1 अप्रैल से शराबबंदी का फैसला लिया है, उनमें उज्जैन नगर निगम क्षेत्र भी शामिल है।

काल भैरव मंदिर में चढऩे वाली शराब की बिक्री के लिए मंदिर के सामने 2 काउंटर हैं। ये काउंटर केडी गेट और छतरी चौक की शराब दुकानों के हैं। यहां से श्रद्धालु शराब खरीदकर भगवान काल भैरव को शराब अर्पित करते हैं। सरकार के आदेश के बाद केडी गेट की दुकानें भी बंद हो जाएगी इसलिए ये तय है कि मौजूदा काउंटर बंद हो जाएगा।

हालांकि उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने काल भैरव मंदिर के सामने के काउंटर को यथावत रखने के लिए शासन को पत्र लिखा है। वहीं, आबकारी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक उन्हें शासन की ओर से अभी तक कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं।

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