चरक अस्पताल की लिफ्टों का संचालन अधर में, मेंटेनेंस को लेकर विवाद

नये ठेकेदार ने रोगी कल्याण समिति को हैंडओव्हर करने को पत्र लिखा

उज्जैन, अग्निपथ। चरक अस्पताल की लिफ्टों को संचालित करने में नये ठेकेदार को परेशानी आ रही है। हाल ही में लिफ्टों का टेंडर होने के बाद भी इनका संचालन सही तरह से शुरु नहीं हो पाया है। इन लिफ्टों का मेेंटेनेंस होने के बाद ही सभी 10 लिफ्टों का संचालन शुरु हो पायेगा। इसको लेकर नये ठेकेदार ने रोगी कल्याण समिति को पत्र लिखा है। उसका कहना है कि लिफ्टों का मेंटेनेंस रोकस या पुराना ठेकेदार करवा कर हैंडओव्हर करे।

दो साल के लिये चरक अस्पताल की 10 लिफ्टों के संचालन का ठेका 1 अप्रैल को हुए टेंडर में नवीन पांचाल नाम के ठेकेदार को आवंटित हुआ। लेकिन इन लिफ्टों का मेंटेनेंस नहीं होने के कारण पूरी 10 लिफ्टों का संचालन शुरू नहीं किया जा सका है। अभी केवल 10 में से 5 लिफ्टों का संचालन हो रहा है।

जानकारी के अनुसार पूरी 10 लिफ्टों का मेंटेनेंस किया जाना है। नये ठेकेदार के सुपरवाइजर सुरेन्द्र ठाकुर ने बताया कि दिन में 6 और रात में 4 कर्मचारियों का मेन पॉवर लगाया गया है। फिलहाल कम ही लिफ्टों का संचालन किया जा रहा था। बताया जाता है कि नये ठेकेदार ने अभी तक इन लिफ्टों को हेंडओव्हर नहीं लिया है। उसने रोगी कल्याण समिति को पत्र लिखकर पूरी 10 लिफ्टों का मेंटेनेंस रोगी कल्याण समिति अथवा पुराने ठेकेदार से करवाने को कहा है। ज्ञात रहे कि लिफ्टों का मेंटेनेंस नहीं करवाने का आरोप पूर्व ठेकेदार आशीष दिसावल पर लग रहा है।

मैंने 31 मार्च को हस्तांतरित कर दिया

पुराने ठेकेदार आशीष दिसावल का कहना है कि 31 मार्च को मैंने अस्पताल प्रशासन को दसों लिफ्टों को हेंडआव्हर कर दिया है। अस्पताल प्रशासन ने कुछ देखकर ही इन लिफ्टों को वापस लिया होगा। इस बार मैंने टेंडर इसलिये नहीं डाला क्योंकि जिला अस्पताल चरक में मर्ज होने के कारण लिफ्टों पर लोड बढ़ रहा था। अस्पताल प्रशासन से विगत एक साल से मेरा पेमेंट लेना बाकी है। जोकि करीब 15 लाख रुपये बनता है।

इनका कहना

लिफ्टों का मेंटेनेंस रोगी कल्याण समिति के मद से किया जायेगा। साथ ही एसी सिस्टम भी सुधारा जायेगा।
-डॉ. अजय दिवाकर, सिविल सर्जन

पूरी 10 लिफ्टों को मेंटेनेंस की जरुरत है। रोगी कल्याण समिति को पत्र लिखकर इनका मेंटेनेंस करवाने का निवेदन किया गया है। इसके बाद ही इन लिफ्टों को टेकओव्हर किया जायेगा।
– नवीन पांचाल, नया ठेकेदार