सिंहस्थ मेला अधिकारी ने कहा-विशेष अनुदान दे रहे किसानों को, जमीन का सौदा भी किसान ही करेंगे

स्थायी कुंभ सिटी से सभी किसानों की जमीन आ जायेगी मुख्य मार्ग पर

उज्जैन, अग्निपथ। सिंहस्थ के लिये सरकार द्वारा बनाई गई स्थायी कुंभ सिटी की योजना से किसानों को भी लाभ होगा। इस योजना से किसानों की जमीन 18 मीटर या उससे अधिक चौड़े मुख्य मार्ग पर आ जायेगी।

सिंहस्थ मेला अधिकारी आशीष सिंह ने बुधवार को स्थाई कुंभ सिटी के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि यह योजना श्रद्धालुओं की सुविधा, संख्या, वित्तीय, व्यवस्था, क्षिप्रा की स्वच्छता के लिए बनाई गई है। योजना के तहत सभी किसानों को 18 मीटर या उससे ज्यादा चौड़ी रोड पर जमीन दी जाएगी। सभी किसानों की भूमि मुख्य रोड पर आ जाएगी। किसान अपनी जमीन बेचने को स्वतंत्र रहेंगे।

आशीष सिंह ने कहा कि ऐसा पहली बार होगा जब सिंहस्थ भूमि पर स्थायी सडक़ें, बिजली के पोल और अन्य निर्माण काम किए जाएंगे। जिससे सिंहस्थ की भूमि पर एक धार्मिक शहर का निर्माण होगा। जिस पर नई कुंभ नगरी बनेगी। सिंहस्थ मेला अधिकारी आशीष सिंह का दावा है कि यह मध्य प्रदेश की पहली ऐसी योजना होगी जिसमें इतने बड़े स्तर पर कार्ययोजना बनाकर एक नया शहर विकसित किया जाएगा। इस परियोजना पर करीब 5 हजार करोड़ रुपए खर्च होने के अनुमान है।

50 प्रतिशत जमीन किसान के पास ही रहेगी

सिंह ने बताया कि योजनांतर्गत 50 प्रतिशत जमीन किसानों को वापस दी जाएगी। बाकी 50 प्रतिशत जमीन का किसानों को विशेष अनुदान सरकार द्वारा दिया जाना प्रस्तावित है। गाइडलाइन के रेट से भी ज्यादा मुआवजा किसानों को शासन द्वारा दिया जाएगा।अगले दो सालो तक किसानों को फसल उगाने की अनुमति भी रहेगी।

गाइडलाइन के अनुसार उन्हें 50 प्रतिशत तक का मुआवजा भी मिलेगा। परियोजना के तहत 5 हजार करोड़ रुपए का निर्माण कार्य प्रस्तावित है। जब तक भूमि की आवश्यकता नहीं होगी, किसान उस पर खेती कर सकेंगे। आश्रम, स्कूल और अस्पताल भी बनाए जाएंगे।

योजना से टूरिज्म बढ़ेगा, किसानों को ज्यादा लाभ

इस स्पिरिचुअल सिटी के विकास से टूरिज्म बढ़ेगा और उज्जैन की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस योजना का फायदा किसानों को मिलेगा। धर्म का विषय है आस्था का प्रश्न है इसलिए इस भूमि पूलिंग योजना में किसानों को विशेष अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है। उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा भूमि को किसी को विक्रय नहीं किया जाएगा। किसान अपनी जमीन को लेकर स्वतंत्र रहेगा।

उन्होंने कहा कि अब तक मेला क्षेत्र में अस्थायी सीवर, पानी और बिजली की व्यवस्थाएं की जाती थीं। मेला क्षेत्र में अतिक्रमण भी हो चुका है। इसलिए इस बार स्थायी स्ट्रक्चर बनाई जाएंगी, जो लोगों ने पहले किसी अन्य क्षेत्र में नहीं देखी होगी। क्षेत्र में हाईटेक सुविधाएं मिलेगी। लैंड पूलिंग के बाद जमीन की कीमत बढ़ेगी और किसान प्रति स्क्वायर फीट से जमीन बेच सकेंगे।

यह है योजना

उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ की 2378 हेक्टेयर भूमि पर जल्द ही एक नई कुम्भ नगरी बसने जा रही है, जिसमें स्थायी, बड़ी इंटरकनेक्टेड चौड़ी सडक़ें, अंडरग्राउंड लाइट, हॉस्पिटल, स्कूल, खूबसूरत चौराहे, सडक़ डिवाइडर समेत अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से युक्त एक नया शहर विकसित किया जाएगा।

इस योजना के तहत उज्जैन विकास प्राधिकरण 1806 किसानों की करीब 5000 सर्वे वाली जमीन को लैंड पूलिंग कर हाईटेक कुंभ सिटी के रूप में तैयार करने जा रहा है। हालांकि, किसान सरकार की लैंड पूलिंग योजना का कई दिनों से विरोध कर रहे हैं।

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