भूमि अधिग्रहण के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों को नहीं जाने दिया गया महाकाल मंदिर

चारधाम मंदिर पर पुलिस ने रोक कर लिया ज्ञापन, दोपहर 12 बजे तक मंदिर रहा बंद, केवल त्रिवेणी संग्रहालय से ही मिला प्रवेश

उज्जैन, अग्निपथ। सिंहस्थ कुंभ के लिए प्रस्तावित स्थायी कुंभनगरी बसाने के उद्देश्य से सरकार के लैंड पुलिंग के जरिए 2378 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण का किसानों ने विरोध किया है। बुधवार को बड़ी संख्या में किसानों ने चारधाम मंदिर के बाहर प्रदर्शन किए। इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस विधायक महेश परमार, कांग्रेस शहर अध्यक्ष मुकेश भाटी और नेता प्रतिपक्ष रवि राय भी किसानों के समर्थन में मौजूद रहे।

किसानों को चारधाम मंदिर पर रोका गया

किसानों के विरोध को देखते हुए चारधाम मंदिर से लेकर महाकाल लोक, हरसिद्धि मंदिर, जयसिंहपुरा सहित महाकाल मंदिर के आसपास के इलाकों को पुलिस ने घेर लिया था। किसान सरकार की सद्बुद्धि के लिए भगवान महाकाल को ज्ञापन देना चाहते थे, लेकिन प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने सभी को चारधाम मंदिर पर ही रोक दिया।

कांग्रेस नेता और किसानों ने नारेबाजी करते हुए अपनी मांगें रखीं

किसान चाहते थे कि वे महाकाल मंदिर जाकर भगवान महाकाल को ज्ञापन सौंपें ताकि उनकी मांग सरकार तक पहुंचे, लेकिन मंदिर प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी। इसके बाद कांग्रेस नेताओं सहित किसानों ने नारेबाजी करते हुए अपनी मांगें रखीं।

मंदिर में प्रोटोकॉल दर्शन बंद करवाए

वहीं, महाकाल मंदिर में एडीएम प्रथम कौशिक ने सुबह से ही प्रोटोकॉल दर्शन बंद करवा दिए और मंदिर में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया। चारधाम मंदिर पर एसडीएम एल.एन. गर्ग, एडिशनल एसपी नितेश भार्गव, सीएसपी सुमित अग्रवाल, ओम प्रकाश मिश्रा समेत दो थानों के टीआई और क्यूआरएफ की टीमें मौजूद रहीं।

कांग्रेस नेता का दावा- बीती रात किसानों को पुलिस ने घर से उठाया

विधायक महेश परमार ने मांग रखी कि प्रदर्शन कर रहे कुछ किसानों को बीती रात पुलिस ने घर से उठाया है, उन्हें छोड़ा जाए। किसान शांतिपूर्वक महाकाल दर्शन करना चाहते हैं, तो उन्हें रोका न जाए और उनकी मांगें सरकार तक पहुंचाई जाएं। एडीएम प्रथम कौशिक ने बताया कि किसानों की मांगों को लेकर उनका ज्ञापन लिया गया है और इसे उच्च अधिकारियों तक पहुंचाकर चर्चा की जाएगी। किसानों ने शिखर दर्शन किए, इसके बाद वे सभी वापस लौट गए।

कांग्रेस हमेशा से सनातन धर्म और सिंहस्थ महापर्व का विरोध करती आई है- अग्रवाल

सन- 2028 में सरकार को सफल सिंहस्थ का आयोजन करना है इसलिए सरकार स्थाई सिंहस्थ नगरी बनाने की व्यवस्था कर रही है, लेकिन कांग्रेस के नेताओं को यह सब हजम नहीं हो रहा है। इसलिए कांग्रेस के नेता किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर राजनीति कर रहे हैं।

यह बात कहते हुए नगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कांग्रेस के ऐसे नेता जिन्हें शहर में जनता दो बार विभिन्न चुनाव में नकार चुकी है। चाहे वह विधानसभा चुनाव हो या संसद के चुनाव या महापौर का, सभी चुनाव में जनता ने उन्हें धूल चटाई है। इसके बावजूद भी यह नेता उज्जैन में राजनीति करने में रुचि रखते हैं जबकि इनका सिंहस्थ महापर्व से कोई लेना-देना नहीं है। कांग्रेस को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। सबसे पहले सीलिंग एक्ट लाकर शहर में कई किसानों की जमीन छीनी थी ।

जिला प्रशासन तथा प्रदेश सरकार ने इससे आगे बढक़र सिंहस्थ महापर्व के लिए स्थाई सिंहस्थ नगरी लैंड पूलिंग योजना बनाई ह,ै इसमें किसानों को जमीन विकसित कर वहां पानी बिजली जैसी व्यवस्था और बड़ी-बड़ी सडक़ें ताकि सिंहस्थ 2028 के दौरान जब 14 करोड़ से अधिक श्रद्धालु उज्जैन में स्नान करने आएं तो कोई अव्यवस्था ना हो और शहर का सामान्य जनजीवन भी प्रभावित न हो, इसको दृष्टिगत रखते हुए सरकार ने योजना बनाई है। लैंड पुलिंग योजना में भी किसान को कोई घाटा नहीं होगा। इसलिए वह किसानों को सरकार के खिलाफ बरगला रहे हैं।

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