बड़ा पुल से रंजीत हनुमान, कालभैरव मंदिर से सिंहस्थ बायपास, बाकणकर ब्रिज से दाऊदखेड़ी एवं शंकराचार्य चौराहा से मोहनपुरा तक के पेड़ जद में आये
उज्जैन, अग्निपथ। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी)द्वारा शहर के विकास कार्य हेतु पेड़ों को काटा तो जा रहा है, लेकिन न तो इनकी राशि जमा की जा रही है और ना ही इन पेड़ों के अवशेषों को नगरनिगम में जमा किया जा रहा है। इनके अवशेषों को बेचकर भी ठेका दिये गये ठेकेदार द्वारा माल कमाया जा रहा है।
मामले की जानकारी लगने पर प्रभारी सदस्य लोक निर्माण विभाग एवं उद्यान समिति प्रभारी सदस्य शिवेन्द्र तिवारी ने कार्यपालन यंत्री लोनिवि को पत्र लिखकर राशि जमा कराने और काटे गये पेड़ों के अवशेषों को जमा करने को कहा है। अन्यथा ठेकेदार पर पैनल्टी और एफआईआर करवाने की बात भी कही गई है।
कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग को भेजे गये पत्र अनुसार कहा गया है कि बड़ा पुल से रंजीत हनुमान व कालभैरव मंदिर से सिंहस्थ बायपास अनुसार 10 लाख 47 हजार रुपये, सदावल हैलीपेड निर्माण कार्य अनुसार 29 लाख 5 हजार 327 रुपये इस प्रकार कुल राशि रूपये 17 लाख 31 हजार 327 रुपये की राशि जमा नहीं की गई है।
निकाय द्वारा लोक निर्माण विभाग को मूल्यांकन राशि जमा किये जाने हेतु क्रम में आज दिनांक तक न तो राशि जमा की गई और न ही कोई प्रतिउत्तर निकाय विभाग द्वारा बिना अनुमति के उक्त स्थलों पर स्थित वृक्षों की कटाई का प्रारंभ है, जिसके बचे हुये अवशेष को भी निगम नर्सरी में जमा नहीं कराया गया है। जो कि विभागीय पत्र भेजकर अवगत कराया गया के विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई की जायेगी।
इसी क्रम में 03 दिवस के अंदर निगम कोषालय में जमा करवाया जाकर नियमानुसार भी वृक्ष काटे गये हैं, उनके बचे हुये अवशेषों को शीघ्र अतिशीघ्र निगम की नर्सरी जमा करें। अन्यथा की स्थिति में आपके द्वारा अधिकृत ठेकेदार के विरुद्ध एफआईआर की जायेगी जिसकी जबावदारी लोक निर्माण विभाग की होगी।
बाकणकर ब्रिज से दाऊदखेड़ी तक की भी राशि बकाया
मूल्याकन रिपोर्ट के साथ निकाय नगर पालिक निगम पत्रानुसार मूल्यांकन रिपोर्ट सहित निगम कोषालय में 382000 रुपये एवं बाकणकर ब्रिज से दाऊदखेड़ी एवं शंकराचार्य चौराहा से मोहनपुरा तक अनुसार राशि रूपये आपके द्वारा निगम कोषालय में जमा नहीं कराई के स्मरण पत्र भी जारी किये गये थे। जो पेड़ काटे गये हंै नियमों के विरूद्ध होकर अनुचित है। इस संबंध में कि उक्त कृत्य के चलते आपके अधिनस्थ ठेकेदार को अवगत कराया जाता है कि पत्र में उल्लेखित अनुमति प्राप्त करें साथ ही बिना अनुमति के जितने में संबंधित उपयंत्री से समन्वय कर जमा करवाया सारी पेनल्टी की कार्रवाई प्रस्तावित की गई है।
कलेक्टर से छायादार पेड़ लगवाने का अनुरोध
शिवेन्द्र तिवारी ने इसी संदर्भ में कलेक्टर उज्जैन को पत्र लिखकर कहा है कि सिंहस्थ 2028 के मद्देनजर उज्जैन में बडी संख्या में विभिन्न विभागों द्वारा परियोजना अंतर्गत विकास कार्य किये जा रहे हैं और इन विकास कार्यों की जद में सैकड़ो की संख्या में छोटे-बड़े पेड़ आ रहे है. जिन्हें काटने की अनुमति भी दी जा रही है। जिन वृक्षों को काटा जा रहा है, वे बहुत पुराने ओर हरे भरे की श्रेणी में हैं।
वर्तमान में जिस प्रकार से गर्मी का तापमान दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है, जिससे यह प्रतीत होता है कि आगे भी तापमान में अधिक बढ़ौत्री होने की आंशका है। बडते तापमान को देखते हुए पेडो का काटना भी दुखदाई है, विकास कार्यों के चलते मजबुरीवश हरे भरे पेडों को काटा जा रहा है। अनुरोध है कि आपके माध्यम से संबंधित विभागों को यह निर्देश जारी किये जाये कि जिन पेडों को बचाया जा सकता है. उन्हे बचाने का प्रयास किया जाये।
साथ ही निकाय सीमा के अंदर व आसपास शासकीय भूमि को चिन्हित कर संबंधित विभागों के माध्यम से वृहद स्तर पर पौधा रोपण करवाय जावे, एवं यह पौधा रोपण मात्र खानापूर्ति न होकर यर्थात में भविष्य को ध्यान में रखते हुए हो रोपे गये पौधे बड़े होकर छायादार वृक्ष होकर भीषण गर्मी में वृक्ष आश्रय के रूप में सहायक हो सकें।
आगामी सिंहस्थ 2028 में जहां सिंहस्थ गर्मी में होगा, वही सांधु संतो के पड़ाव व श्रद्धालुओं को गर्मी से बचाने के लिए पेड़ सहायक हो सकते है, पर वर्तमान में विभिन्न कार्यों के चलते उन्हें काटा जा रहा है। सिंहस्थ में गर्मी चरम पर होगी, ऐसी दशा में पेडों का रहना आवश्यक प्रतीत होता है। साथ ही यह भी निवेदन हे कि शासकीय कार्यालयों के आसपास पौधा रोपण किया जाये एवं विकास कार्य में काटे जा रहे पेड़ो को रिप्लांट कर पुन: लगाये जाने के निर्देश दिये जाये एवं ऐसी भूमि जिस पर भविष्य में कोई योजना प्रस्तावित न हो वहां पर वृहद स्तर पर पौधा रोपण योजना को चलाया जाये, जिससे बढ़ते तापमान से राहत मिल सके, एवं पर्यावरण संतुलित रहे।