मंदिर में महआरती कर फलों का भोग लगाया
उज्जैन, अग्निपथ। अक्षय तृतीया पर बुधवार को भगवान परशुराम का जन्मोत्सव मनाया जा गुया। शहर में कई स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गये। चल समारोह निकाले गये। चाणक्यपुरी स्थित श्री परशुराम मंदिर में महाभिषेक और महाआरती का आयोजन किया गया।
बुधवार दोपहर को भगवान परशुराम के जन्मोत्सव पर चल समारोह निकला गया। पहला चल समारोह सुबह महाकाल मंदिर से शुरू होकर गुदरी गोपाल मंदिर होता हुआ टॉवर पहुंचा। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं सिर पर केसरिया दुपट्टा बांधे हुए निकलीं, इस दौरान भगवान परशुराम के जयकारे लगाए गए। समारोह में पुरुष भी अपने वाहनों से शामिल हुए।
दूसरा चल समारोह शाम 5 बजे ऋषिनगर से निकला। भगवान परशुराम की विचारधारा के मुताबिक शस्त्र का प्रदर्शन भी हुआ। भगवान परशुराम की विचारधारा अनुसार शास्त्र और शस्त्र दोनों सनातन धर्म के लिए आवश्यक हैं और परशुराम, पराक्रम के कारक और सत्य के धारक हैं। ऋषिनगर कॉम्प्लेक्स पर समाजजन एकत्रित हुए। सबसे पहले भगवान परशुराम की आरती की फिर ऋषिनगर से चल समारोह प्रारंभ होकर श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगा।
अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज द्वारा बुधवार शाम महाकाल चौराहे से भव्य चल समारोह निकाला गया। जिसमें भगवान परशुराम का रथ, शंकराचार्यजी के रथ के साथ बैंड बाजे, ढोल नगाड़े संग हजारों समाजजन शामिल हुए। चल समारोह महाकाल से प्रारंभ होकर पटनी बाजार, गापाल मंदिर, सराफा, सती गेट, कंठाल, नई सडक़, दौलतगंज, फव्वारा चौक, मालीपुरा होता हुआ देवास गेट पर संख्या राजे धर्मशाला में परशुराम स्नेहभोज के साथ संपन्न हुआ।
परशुराम भगवान की आरती के दौरान लगा भोग
श्री परशुराम का मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा मंदिर चाणक्यपुरी नानाखेड़ा उज्जैन में स्थित है। अक्षय तृतीया पर यहां अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज और श्री परशुराम पारमार्थिक सेवा न्यास के तत्वावधान में भगवान श्री परशुराम का प्रात: अभिषेक, पूजन कर महाभोग लगाया गया। इसके बाद महाआरती की गई। यह आयोजन हर साल होता है।