निर्देश के बाद भी महाकाल में ई-कार्ट आमजन से दूर

प्रोटोकाल दर्शनार्थी पर विशेष ध्यान, प्रशासनिक अधिकारी ने ड्राइवरों को बुलाकर दोबारा दी हिदायत

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रांगण में चल रही ई-कार्ट अभी भी आम दर्शनार्थियों से दूर है। ई-कार्ट का सर्वाधिक उपयोग प्रोटोकाल दर्शनार्थी ही कर रहे हैं। आम दर्शनार्थियों को ई-कार्ट ड्रायवर लिफ्ट ही नहीं देते।

श्री महाकालेश्वर मंदिर का प्रांगण बड़ा होने के बाद अब पार्किंग से मंदिर के प्रवेश द्वार तक आने के लिए लंबा रास्ता दर्शनार्थियों को तय करना पड़ता है। आम दर्शनार्थी त्रिवेणी संग्रहालय (महाकाल लोक द्वार) या फिर नीलकंठ द्वार से मंदिर में प्रवेश करते हैं। दोनों ही द्वार से मंदिर के प्रवेश द्वार तक आने के लिए लंबा रास्ता तय करना पड़ता है।

तेज गर्मी के दौर में यह रास्ता काफी कठिन हो जाता है। खासकर बुजुर्ग-बीमार या दिव्यांग के लिए बहुत मुसीबत हो जाती है। इसके लिए मंदिर प्रशासन ने दर्शनार्थियों को प्रवेश द्वार तक लाने के लिए ई-कार्ट सुविधा दी है। यह ई-कार्ट विभिन्न दानदाताओं के माध्यम से मंदिर को मिली है। मंदिर में करीब ३० से अधिक ई-कार्ट संचालित हो रही हैं।

निर्देश के बाद भी आम दर्शनार्थियों की सुनते ही नहीं चालक

पिछले दिनों कलेक्टर रौशनसिंह अचानक महाकाल मंदिर पहुंचे थे और उन्होंने आमजनों की यह परेशानी भरी यात्रा देखी थी। इस कारण उन्होंने आदेश जारी किया था कि ई-कार्ट आम दर्शनार्थियों को भी सेवाएं दें। आम दर्शनार्थी को मंदिर में कोई परेशानी नहीं होना चाहिए। ऐसे में कुछ दिन तो एक-दो ई-कार्ट आम दर्शनार्थियों के लिये लगाई, लेकिन बाद में फिर ड्राइवर अपनी इच्छानुसार सेवाएं देने लगें।

प्रोटोकाल दर्शनार्थियों पर विशेष फोकस

ई-कार्ट ड्राइवरों का विशेष फोकस प्रोटोकाल दर्शनार्थियों पर रहता है। इस कारण वे ई-कार्ट को महाकाल लोक कंट्रोल रूम के बाहर खड़ा रखते हैं और यहां से निर्माल्य गेट के बीच कार्ट चलाते हैं। प्रोटोकाल दर्शनार्थी कंट्रोल रूम तक तो अपने वाहन से आते हैं, उसके बाद उन्हेें ई-कार्ट मिल जाती है।

सूत्रों का कहना है कि कई प्रोटोकाल दर्शनार्थी इस सेवा से खुश होकर ड्राइवरों को भी खुश कर देते हैं, इसी लालच में ड्राइवरों का ध्यान इन पर होता है। जबकि होना यह चाहिये कि आम दर्शनार्थियों के लिए ई कार्ट नीलकंठ द्वार और महाकाल लोक प्रवेश द्वार (त्रिवेणी संग्रहालय द्वार) से लेकर प्रवेश द्वार तक संचालित करना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है।

प्रशासनिक अधिकारियों ने ली क्लास

पिछले दिनों एक दर्शनार्थी की बीमारी के बाद मौत हो जाने के बाद मंदिर के सहायक प्रशासनिक अधिकारी ने सभी ई-कार्ट ड्राइवरों की मीटिंग लेकर उन्हें स्पष्ट शब्दों में कहा है कि आम दर्शनार्थियों को लाने-ले जाने में कोताही नहीं बरती जाये, अन्यथा नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। बताया जाता है मंदिर मेें इसके लिए नए ड्राइवर भी बढ़ाये जा रहे हैं ताकि ज्यादा ई-कार्ट महाकाल परिसर में संचालित की जा सके।

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