समीक्षा बैठक में सीएम ने दी मंजूरी, अब तक 23,332 करोड़ रुपए के 153 कार्य स्वीकृत
उज्जैन, अग्निपथ। सिंहस्थ कुम्भ 2028 से पहले उज्जैन को दो एलिवेटेड ब्रिज की सौगात मिलेगी। इसे नागपुर की तर्ज पर बनाया जाएगा। आज हुई सिंहस्थ कार्य की समीक्षा बैठक में सीएम मोहन यादव ने इसे सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
उज्जैन शहर के दो प्रमुख मार्गों पर बढ़ते यातायात दबाव को कम करने के लिए एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने की तैयारी है। पीडब्ल्यूडी इनका निर्माण करेगा। पहला कॉरिडोर मकोडिय़ा आम चौराहा से शुरू होकर देवासगेट, रेलवे स्टेशन होते हुए हरिफाटक ब्रिज से मिलेगा। दूसरा कॉरिडोर निकास चौराहे से शुरू होकर दौलतगंज होते हुए इंदौर गेट पर मिलेगा।
दोनों एलिवेटेड कॉरिडोर को लेकर लोक निर्माण विभाग फिजिकल सर्वे के बाद टेंडर जारी करेगा। इसे सिंहस्थ मेले से पहले बनाया जायेगा।
उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया ने बताया कि इसे नागपुर की तर्ज पर बनाया जाएगा। जिसमे आने वाले समय में इसके ऊपर मेट्रो ट्रेन का ट्रैक बनाया जा सकेगा। ब्रिज को इस तरह बनाया जाएगा जिससे व्यापार प्रभावित ना हो और ट्रैफिक भी सुचारू रूप से चल सके।
सिंहस्थ के लिए अब तक 23,332 करोड़ रुपए के 153 कार्य स्वीकृत
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए मेले में आर्मी को भी तैनात किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी मुख्य देवस्थानों को जल्द ही देवलोक के रूप में विकसित करने की कार्य योजना बनाएं। जिले को मेडिकल टूरिज्म का हब बनाने के लिए योगा, वेलनेस, नेचुरोपैथी, एलोपैथी और आयुर्वेद के केंद्रों के साथ मेडिकल डिवाइस उद्योग, फार्मा कंपनियों और मेडिकल रिसर्च संस्थाओं को साथ लेकर एकीकृत कार्ययोजना तैयार करें। सिंहस्थ कार्य योजना में अब तक 23,332 करोड़ रुपए के 153 कार्य स्वीकृत हो चुके हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उज्जैन-मक्सी मार्ग, उज्जैन सिंहस्थ बायपास मार्ग, इंगोरिया-उन्हेल मार्ग और इंदौर-उज्जैन वैकल्पिक मार्ग का भी निर्माण किया जा रहा है।
सिंहस्थ में आर्मी के लिये भी कैंप बनायेंगे
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा दृष्टिगत मेले में आर्मी भी सम्मिलित रहेगी।सभी मुख्य देवस्थानों को जल्द ही देवलोक के रूप में विकसित करने की कार्य योजना बनाए।उज्जैन में न्यायपालिका द्वारा भी न्याययिक संस्था शुरू की जाएगी उसकी कार्ययोजना भी पाइपलाइन में रखे। मेडिसिटी मेडिकल कॉलेज निर्माण की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि श्रध्दालुओ को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए जिले को मेडिकल टूरिज्म का हब बनाने के लिए योगा,वेलनेस, नेचुरोपैथी ,एलोपैथी और आयुर्वेद के केंद्रों के साथ मेडिकल डिवाइस उद्योग ,फार्मा कंपनियों और मेडिकल रिसर्च संस्थाओं को साथ लेकर एकीकृत कार्ययोजना तैयार करे।
नगर निगम और अन्य संस्थाएं भी अपने मद से किए जाने वाले शहर के कार्य निरंतर करे। मालवा क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन के केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए आवश्यक आधारभूत सुविधाओं का विकास किया जाएगा ।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि वर्ष 2028 में सिंहस्थ कुंभ का आयोजन होना है। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न विभागों के कार्यों को स्वीकृति दी जा चुकी है। ओंकारेश्वर, महेश्वर, पशुपतिनाथ, नलखेड़ा, भोपाल से लेकर पूरे मालवा क्षेत्र तक के कार्यों को सिंहस्थ कार्य-क्षेत्र मानते हुए योजनाएं तैयार की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, सिंहस्थ केवल मध्यप्रदेश का नहीं, बल्कि पूरे विश्व की शान है। इसके लिए बनाई गई सभी योजनाओं की समीक्षा की गई है। हमारा उद्देश्य है कि सिंहस्थ के माध्यम से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिले और इस आयोजन का लाभ लंबे समय तक आमजन तक पहुंचे।
कुछ कार्यों को और गति देने की जरूरत
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ कार्यों को और गति देने की आवश्यकता है। इनमें से कुछ राज्य सरकार के अंतर्गत आते हैं और कुछ योजनाएं केंद्र सरकार के सहयोग से पूरी होंगी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार सभी योजनाओं पर तेज़ गति से कार्य कर रही है। सिंहस्थ से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा बैठक में सांसद अनिल फिरोजिया, महापौर मुकेश टटवाल, सभापति कलावती यादव, पूर्व विधायक राजेंद्र भारती, भाजपा नेता जगदीश अग्रवाल, कमिश्नर संजय जैन, उज्जैन कलेक्टर रोशन सिंह और इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह सहित जिले के अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहें।