पुलिस थाने सहित मुख्यमंत्री तक को की शिकायत
नलखेड़ा, अग्निपथ। एक तरफ पंचायती राज में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देकर महिलाओं भागीदारी को बढ़ाया जा रहा है वही ठीक इसके विपरीत प्रशासन में बैठे अधिकारियों द्वारा महिला जनप्रतिनिधियों के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उन्हें प्रताडि़त कर रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला जनपद पंचायत नलखेड़ा का सामने आया है जिसमें जनपद पंचायत के सीईओ द्वारा आदिवासी महिला के साथ अभद्रता करते हुए जाति सूचक अपशब्द बोलते हुए अपने कक्ष से बाहर कर दिया है। महिला द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री, मानव अधिकार आयोग, जिले के कलेक्टर पुलिस अधीक्षक सहित पुलिस थाना नलखेड़ा में भी जनपद सीईओ के खिलाफ कार्यवाही हेतु शिकायती आवेदन दिया गया है।
पुलिस थाने में दिए गए शिकायती आवेदन सरपंच ने बताया कि ग्राम पंचायत ताखला की सरपंच होने के चलते ग्राम पंचायत के विकास कार्य के लिए जनपद पंचायत नलखेड़ा के तत्कालीन सीईओ जितेंद्र सिंह सेंगर के पास गई थी। जहां सेंगर द्वारा चैंबर में बुलाकर बात करना चाही। चैंबर में जाने पर उनकी हरकतें अच्छी नहीं होने से सरपंच द्वारा इंकार करने पर सीईओ सेंगर नाराज हो गए व प्रार्थी आदिवासी महिला के साथ दुर्व्यवहार कर जाति सूचक शब्दों से बेइज्जत किया और धारा 40 के अंतर्गत कार्रवाई कर सरपंच पद से हटाने की धमकी दी गई।
महिला सरपंच ने बताया कि सीईओ सेंगर द्वारा कहां गया कि भीलडी तुझे किसने सरपंच बना दिया तू कुछ नहीं समझती।कुछ समझती है। तो फिर में मेरे पति को साथ लेकर जाने लगी तो उनको भी डरा धमका कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने की धमकी देकर उनके ऑफिस से बाहर कर दिया। इस कारण में मानसिक रूप से प्रताडि़त होकर ग्राम पंचायत के विकास कार्य नहीं कर पा रही हूं। आदिवासी महिला सरपंच द्वारा जनपद पंचायत नलखेड़ा के तत्कालीन सीईओ जितेंद्रसिंह सेंगर के खिलाफ कार्रवाई कार्यवाही की मांग की है।
इस संबंध में थाना प्रभारी अनिल मालवीय ने बताया कि ग्राम पंचायत ताखला की आदिवासी महिला सरपंच से जनपद सीईओ द्वारा अभद्रता की शिकायत की जांच सीएसपी द्वारा की जा रही है जो भी कार्यवाही होगी वहीं से होगी। इस संबंध में जनपद पंचायत नलखेड़ा के तत्कालीन सीईओ जितेंद्रसिंह सेंगर का पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल पर कॉल किया तो उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया।