बालिका के गर्भवती होने पर मामले का खुलासा हुआ था
उज्जैन, अग्निपथ। नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को बडनग़र के विशेष न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। आरोपी ने सातवीं में पढऩे वाली 13 साल की बालिका से दुष्कर्म किया था। घटना तब सामने आई जब छात्रा के बारे में परिजन को पता चला कि वह गर्भवती है। बालिका के माता-पिता की भी मौत हो चुकी है।
अभियोजन उप संचालक राजेंद्र खांडेगर ने बताया 1 मार्च 2024 को प्रकरण दर्ज किया गया था। बालिका चरक अस्पताल में भर्ती थी। पुलिस ने उसके बयान लिए जिसमें उसने बताया कि वह 7 वीं कक्षा में अध्ययनरत है। उसके पिता और मां की मृत्यु हो चुकी है। इसलिए वह अपनी नानी के घर रहती है।
करीब चार माह पहले वह घर अकेली थी। दोपहर के समय पडोस में रहने वाला मनीष माली आया और उसने कमरे का दरवाजा बंद कर बालिका के साथ दुष्कर्म किया। वह चिल्लाई तो आरोपी भाग गया। तीन-चार महीने से उसे मासिक पीरियड नहीं आया था। उसके पेट में दर्द होने पर नानी उसे अस्पताल लेकर पहुंची तो पता चला कि वह चार महीने की गर्भवती है।
इसके बाद नानी ने उससे पूछा तो उसने बताया कि मनीष ने उसके साथ गलत काम किया है। चरक भवन में बालिका का गर्भपात कराया गया। मामला पुलिस के पास पहुंचा। पीडिता ने शिकायत दर्ज कराई । पुलिस ने पॉक्सो एक्ट सहित दुष्कर्म की धाराओं में प्रकरण दर्ज कर मामला जांच में लिया। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया।
गंभीर अपराध होने पर मामले की सुनवाई विशेष न्यायालय में हुई। आरोपी साबित होने पर कोर्ट ने दोषी मनीष को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।