नगरीय निकाय चुनाव को लेकर चल रही सुगबुगाहट के बीच भोपाल से एक खबर निकलकर यह आ रही है कि चुनाव तीन से चार माह आगे और बढ़ाए जा सकते हैं। इसके पीछे अपने-अपने तर्क दिए जा रहे हैं।
सबसे पहला तर्क यह दिया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव हैं। यह चुनाव 29 अप्रैल तक होना है। मध्यप्रदेश के कांग्रेस और भाजपा के बड़े नेता स्टॉर प्रचारक हैं, जो इस समय बंगाल में व्यस्त हैं। वहीं दूसरा तर्क यह दिया जा रहा है कि कक्षा 10वीं और 12 वीं की परीक्षाएं अप्रैल माह के अंत में शुरू हो जाएंगी। जो 18 मई तक चलने वाली हैं। कहने के लिए कोई भी तर्क दिया जा रहा हो किंतु सबसे बड़ी बात यह है कि चुनावी माहौल किसी भी रूप में भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में नजर नहीं आ रहा है।
एक ओर किसान आंदोलन जोरों पर है। कई हस्तियां किसान आंदोलन को जमकर समर्थन कर रही हैं। जो सीधे-सीधे भारतीय जनता पार्टी के विरोध में हैं। वहीं दूसरी ओर महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस से लेकर खाद्य सामग्री आम आदमी का बजट बिगाड़ रही है। आम आदमी का गुस्सा वोट के रूप में भाजपा का सूपड़ा साफ न कर दे, यह संभावना भी है।