डेढ़ करोड़ की लागत से बनी सब्जी मंडी की 21 दुकानें बनी शोपीस, आवंटन का इंतजार

धार, अग्निपथ। शहर के मोतीबाग चौक पर नगर पालिका द्वारा डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से तैयार की गई थोक सब्जी मंडी में 21 दुकानों का निर्माण वर्षों पहले किया गया था, लेकिन अब तक इन दुकानों का आवंटन नहीं हो सका है। स्थिति यह है कि यह पूरी मंडी अब शोपीस बनकर रह गई है और धीरे-धीरे अस्थायी अतिक्रमण की चपेट में आ रही है। वही असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है कही गतिविधि यहा होती है।

नगर पालिका ने लगभग एक वर्ष पूर्व इन दुकानों के आरक्षण की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन व्यापारियों ने इसे लेकर असंतोष जताया था। व्यापारियों का आरोप था कि नगर पालिका ने आरक्षण प्रक्रिया की सूचना पारदर्शिता के साथ नहीं दी, जिससे उन्हें आवेदन करने का उचित अवसर नहीं मिला। इसको लेकर कुछ व्यापारियों ने न्यायालय की शरण में जाने की बात भी कही थी। हालांकि कई माह बीत जाने के बाद भी इस में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है।

पुरानी थोक सब्जी मंडी को बना दिया ट्रैचिंग ग्राउंड

इधर, नगर पालिका की अनदेखी के चलते पुरानी सब्जी मंडी अब कचरे के ढेर में तब्दील हो चुकी है। नगर पालिका के कर्मचारी यहां मोहल्लों से निकलने वाला कचरा डंप कर रहे हैं, जिससे क्षेत्र में गंदगी और दुर्गंध फैल रही है। स्थानीय रहवासियों में इसको लेकर आक्रोश है।

रहवासियों ने बताया कि सुबह नगर पालिका के कर्मचारी वार्डो से कचरा एकत्रित करते है और पुरानी सब्जी मंडी में डंप कर चले जाते है, कई बार इसकी शिकायत भी गई लेकिन इसके बावजूद भी जिम्मेदार मौन है, कई दिनों से पड़े कचरे के कारण यहां दुर्गध फैल रही है। मंडी के समीप मां दुर्गा माता मंदिर समिति ने भी कई बार इसकी की लेकिन कार्रवाई आज तक नही की गई।

52 दुकानों का होना था निर्माण

थोक सब्जी मंडी प्रांगण में नपा में पंजीकृत सब्जी विक्रेताओं को पक्की दुकान निर्माण के लिए 2016-17 में करीब 52 दुकानों के निर्माण का प्लान बनाया था। पहले चरण के तहत वर्ष 2018 में 21 दुकानें बनाई थी। जो दुकानों बनकर तैयार हुई थी, 8 साल बाद भी यह दुकानें व्यापारियों को आंवटित नहीं हो पाई। रख रखाग के आभाव में अब यह खंडहर में तब्दील हो रही है। कई हिस्सों में टूट-फूट के साथ शटरें भी जंग लग गई है।