जैन पुस्तकें पढ़ते-पढ़ते संयम लेने का बना मन: दीक्षार्थी गौरव जाट

लाभार्थी परिवार शरद जैन ने नवकार सोश्यल ग्रुप व जैन सोश्यल ग्रुप के तत्वाधान मे किया बहुमान

नागदा, अग्निपथ। दीक्षार्थी गौरव जाट के बहुमान अभिनन्दन कार्यक्रम के दौरान दीक्षार्थी जाट द्वारा दिये गये उद्बोधन में बताया कि जैन पुस्तके पढक़र मन में संयम लेने का विचार आया तथा जिनेन्द्रमुनि के समक्ष दीक्षा लेने की इच्छा व्यक्त की। इसके बाद लगभग डेढ़ वर्ष तक संयम की राह पर चलकर अंत में दीक्षा लेने की आज्ञा प्राप्त हुई।

जाट ने कहा कि संयतमुनिजी म.सा. आदि ठाणा के चातुर्मास में अधिक से अधिक धर्म आराधना का लक्ष्य लेकर चले एवं धर्म आराधना से जुडऩे का अनुरोध किया।

दीक्षार्थी गौरव जाट जो कि अजैन है, परन्तु संस्कार ऐसे है कि जैन धर्म के पथ पर चलने का मन बनाया और आने वाले दिनों में गौरव जाट 5 जून को बदनावर में आचार्य उमेशमुनिजी के आज्ञानुवर्ति जिनेन्द्र मुनिजी आदि ठाणा की निश्रा में दीक्षा ग्रहण करेंगे।

ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष राजेश सकलेचा  ने बताया कि नवकार सोश्यल ग्रुप एवं जैन सोश्यल ग्रुप के तत्वाधान मे समाजसेवी शरद जैन, कत्वर्य जैन लाभार्थी परिवार के द्वारा शनिवार को रात्रि 8.30 बजे दीक्षार्थी जाट का अनुमोदना कर शाल, माला, पगड़ी पहनाकर जीवदया मानव सेवा समिति प्रांगण हाल में बहुमान किया एवं उज्जवल भविष्य की कामना की।

बहुमान के पूर्व बसंतीलाल कोलन के निवास स्थान से दीक्षार्थी भाई जाट को जय-जयकार नारो के साथ जीवदया मानव सेवा समिति हाल तक ग्रुप सदस्यो एवं समाजजनो के द्वारा लाया गया।

सकलेचा ने बताया कि बहुमान के अवसर पर कमलनयन चपलोत, शरद जैन, अमित बम, धर्मेन्द्र बम, सतीश जैन सांवेरवाला ने उदबोधन दिया। संचालन कमल जैन सहारा ने किया।

ये रहे मौजूद

शरद जैन,प्रथम कांठेड़, अरविन्द नाहर, मनीष चपलोत, प्रकाश चपलोत, दीपक गांग, सुरेश नाहटा, राजा कर्नावट, राकेश ओरा, रवि संघवी, प्रशान्त नाहर, दिलीप गांधी, संदीप चपलोत, लाला कोठारी, संतोष नाहटा, मयंक चपलोत, अंकुर जैन, आशीष पोखरना, निलेश चपलोत, तनु कोलन, अजेश जैन उपस्थित रहे।

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