उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन लोकायुक्त ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत तात्कालिक जिला फ्लोरोसिस सलाहकार ललित किशोर शर्मा को फर्जी तरीके से नियुक्ति करने के संबंध में तत्कालीन संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं उज्जैन डॉ दिलीप नागर एवं ललित किशोर शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण के तहत अपराध दर्ज कर मामला जांच में लिया है।
लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा ने बताया कि लालसिंह परमार के द्वारा शिकायत की गई थी कि वर्तमान में जिला शाजापुर में पदस्थ जिला फ़ोलोरोसिस सलाहकार ललित किशोर शर्मा को साल 2009 में तत्कालीन संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं उज्जैन डॉ. दिलीप नागर के द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला उज्जैन के कार्यालय के पत्र पर डॉ के के अग्रवाल की पदस्थापना के समय सीएमएचओ की पदमुद्रा पर स्वयं के हस्ताक्षर कर नियुक्ति दी गई थी।
जबकि जिला फ्लोरोसिस सलाहकार की नियुक्ति के लिए स्नातकोत्तर की डिग्री और पांच साल का कार्यानुभव आवश्यक था। यह दोनों ही योग्यता ललित किशोर शर्मा के पास नहीं थी। मामले में शिकायत के बाद निरीक्षक दीपक सेजवार को जांच सौंपी गई थी। जिसमें ललित किशोर शर्मा ने षड्यंत्रपूर्वक तत्कालीन संयुक्त संचालक स्वास्थ्य डॉ दिलीप नागर से सांठ गांठ कर शासन के साथ छल किया एवं फर्जी तरीके से नियुक्ति प्राप्त किया जाना प्रमाणित पाया गया है।
आरोपी ललित किशोर शर्मा और डॉ दिलीप नागर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1) ए, 13(2) एवं 120(बी) व 420 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध अनुसंधान किया जा रहा है।