नशे में धुत छात्रों ने रात डेढ़ बजे कमरे में घुसकर मारपीट की थी, यूजीसी ने भी लिया था संज्ञान
उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय में एक छात्र के साथ रैगिंग और मारपीट का मामला सामने आया है। शालिग्राम तोमर छात्रावास में 13 मई की रात करीब डेढ़ बजे की यह घटना है। इंजीनियरिंग के तृतीय वर्ष के छात्र सचिन देवनाथ के कमरे में नशे में धुत 6 छात्रों ने जबरन प्रवेश किया।
इन छात्रों में एमबीए विभाग के मुकुल उपाध्याय और सत्यम उपाध्याय, स्पोर्टस विभाग के वेदांत उदासी, कृषि विभाग के रानू गुर्जर और तुषार गंगराड़े और इंजीनियरिंग विभाग के मोईन शेख शामिल थे। आरोपी छात्रों ने बिना किसी कारण सचिन की पिटाई की और उसके कपड़े फाड़ दिए। घटना के बाद सचिन को चरक अस्पताल ले जाया गया। उसके सिर और पैरों पर चोट के निशान पाए गए। पीडि़त छात्र ने विश्वविद्यालय प्रशासन को लिखित शिकायत दी और माधवनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई। घटना के दो दिन बाद 15 मई को सचिन की मां उसे अपने साथ ले गईं।
विश्वविद्यालय ने छात्रों को विभाग, छात्रावास से निष्कासित किया
विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्र की शिकायत के बाद 17 मई को देर शाम को प्रोटोरियल बोर्ड, एंटी रैंगिग कमेटी, वार्डन और विभागाध्यक्ष के साथ बैठक कर छात्र सचिन से चर्चा कर छात्रों की पहचान के बाद आरोपी छात्र मुकुल उपाध्याय, सत्यम उपाध्याय, वेदांत उदासी, रानू गुर्जर, तुषार गंगराड़े और मोईन शेख को विभाग से निष्कासित कर दिया गया है। वहीं दो छात्र मोईन और रानू गुर्जर से छात्रावास भी खाली करा लिया गया है। प्रोक्टर प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि छात्र की शिकायत के बाद बोर्ड की बैठक कर मारपीट करने वाले छात्रों को छात्रावास खाली कराने के साथ ही निष्कासित कर दिया गया है। साथ ही मारपीट करने वाले छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए थाने पर पहले ही पत्र दे दिया है।
यूजीसी की एंटी रैगिंग हेल्पलाइन ने संज्ञान लिया
यूजीसी की एंटी रैगिंग हेल्पलाइन ने मीडिया में आई खबर के बाद संज्ञान लेकर विक्रम विश्वविद्यालय प्रशासन से मारपीट करने व रैंगिग करने के संबंध में की गई कार्रवाई को लेकर जानकारी मांगी है। प्रशासन ने घटना के संबंध में जानकारी और कार्रवाई की रिपोर्ट ऑनलाइन एंटी रैगिंग हेल्पलाइन यूजीसी को भेज दी है।