विधायक ने भी बुलाना उचित नहीं समझा, निगम अधिकारी भी खामोश
उज्जैन, अग्निपथ। कोयला फाटक से कंठाल चौराहा होते हुए गोपाल मंदिर तक सडक़ के चौड़ीकरण का काम शुरू हो चुका है। इस मार्ग का निरीक्षण करने के लिये सोमवार को कलेक्टर, निगम आयुक्त, विधायक, निगम सभापति पहुंचे थे। लेकिन निगम के जिम्मेदारों को तो देखो जिस चौड़ीकरण में जिन एमआईसी से अनुमति मिली है।
इनके महापौर सहित सदस्यों को बुलाने की जहमत तक अधिकारियों ने नहीं उठाई। वहीं विधायक ने भी बाले बाले निरीक्षण कर लिया। यही हाल केडी गेट मार्ग चौड़ीकरण में भी हुआ था, इस राजनैतिक उठापटक के चलते अभी भी मार्ग पूरी तरह से बन नहीं पाया है।
नगर निगम की टीम ने कोयला फाटक से कंठाल चौराहा, गोपाल मंदिर और बियावानी से तेलीवाड़ा तक सडक़ की नपाई कर मकानों व दुकानों में मार्किंग कर दी है। प्रभावित भवन और भूमि स्वामियों को जगह खाली करने के नोटिस जारी किए गए हैं। सोमवार को विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, नगर निगम अध्यक्ष कलावती यादव और कलेक्टर रौशन सिंह, निगम कमिश्रर आशीष पाठक सहित जनप्रतिनिधियों और विभागीय अधिकारियों ने कोयला फाटक से गोपाल मंदिर तक प्रस्तावित चौड़ीकरण मार्ग का निरीक्षण किया।
लेकिन महापौर मुकेश टटवाल, स्थानीय पार्षदों और एमआईसी सदस्य रजत मेहता, प्रकाश शर्मा, योगेश्वरी राठौर, श्रीमती पूनम और लोकनिर्माण विभाग प्रभारी शिवेन्द्र तिवारी को निरीक्षण में नहीं बुलाया। यहां तक कि निगम के जिम्मेदारों ने उनको भ्रमण की सूचना तक नहीं दी।
भूमिपूजन कार्यक्रम में भी नहीं करते आमंत्रित: जानकारी में आया है कि भूमिपूजन कार्यक्रम शहर में जहां कहीं भी आयोजित होता है, इनमें महापौर और एमआईसी सदस्यों को आमंत्रित तक नहीं किया जाता। हाल ही में महापौर बंगले के सामने भूमिपूजन का कार्यक्रम आयोजित हुआ था, लेकिन यहां पर भी उनको आमंत्रित नहीं किया गया। ऐसे में आगामी समय में सिंहस्थ के हो रहे कार्यों में उचित सम्मान नहीं मिलने के कारण हो ेसकता है कि चौड़ीकरण कार्य केडी गेट मार्ग जैसे आधे अधूरे रह जायें।
धार्मिक स्थलों की जानकारी एकत्रित नहीं की
जानकारी में आया है कि कोयला फाटक से गोपाल मंदिर तक सैकड़ों धार्मिक स्थल हैं, लेकिन इनकी जानकारी एकत्रित नहीं की गई है। केडी गेट मार्ग चौड़ीकरण में भी दो जैन मंदिरों को हटाने की जगह बसाने का काम भी इसी तर्ज पर किया गया है। कहीं ऐसा ना हो कि कोयला फाटक मार्ग चौड़ीकरण में अतिक्रमण में बाधक बन रहे धार्मिक स्थलों को अभय दान देकर केडी गेट मार्ग जैसे हाल कर दिये जायें।
इनका कहना
महापौर ने इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि इनको जाना चाहिये। निरीक्षण हुआ है, इसकी जानकारी मीडिया से ही मुझे मिली है।
शिवेन्द्र तिवारी, लोक निर्माण एवं उद्यान विभाग प्रभारी