वाहन प्रभारियों को हटाकर 24 घंटे में वापस दायित्व सौंपा

महाकालेश्वर मंदिर में कायम है प्रभावशाली कर्मचारियों का दबदबा, मामला चर्चा में

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में बरसों से जमें प्रभावशाली कर्मचारियों को दबदबा आज भी कायम है। इसका एक उदाहरण बुधवार को सामने आया है। जो दिनभर मंदिर के गलियारों में चर्चा में छाया रहा।

सूत्रों के मुताबिक मंदिर में कई अनुभवहीन कर्मचारी महत्वपूर्ण स्थानों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनमेें से अधिकतर कर्मचारी बरसों से ऐसी जगह तैनात हैं कहीं ने कहीं आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक रसूख में इजाफा करते हैं। यह स्थान प्रवेश द्वार, भस्मारती व्यवस्था, शयन आरती व्यवस्था, प्रोटोकाल, वाहन व्यवस्था, भोजनशाला, यात्री निवास आदि हैं। बुधवार को वाहन व्यवस्था विभाग का एक मामला सामने आया है।

सूत्रों का कहना है कि मंगलवार 20 मई को शाम को वाहन शाखा निरंजन जूनवाल ने किसी कारणवश वाहन शाखा सुपरवाइजर महेश मौर्य और सोनू शर्मा को पदमुक्त कर दिया था। चर्चा है कि दोनों ही सुपरवाइजर को वाहनों संबध्ंाी न तो कोई जानकारी है और न ही वाहन चलाना आता है। अनुभव नहीं होने के कारण उन्हें मौखिक रूप से पदमुक्त किया गया था। लेकिन 24 घंटे के भीतर ही उन्हें पुन: यह प्रभार सौंप दिया गया।

चर्चा है कि वरिष्ठ अधिकारियों के दखल के कारण ऐसा किया गया है। इस घटना के बाद मंदिर में एक बार फिर प्रभावशाली कर्मचारियों के दबदबे की चर्चा शुरू हो गई। पिछले साल दर्शन में रुपए के खेल का मामला उजागर हुआ था और कई ऐसे कर्मचारी आरोपों के घेरे में आये थे जो बरसों से जमे हुए थे।

वाहन शाखा विभाग महत्वपूर्ण क्यों

श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति के पास इन दिनों करीब ५० से अधिक वाहन हैं। इनमें से ३८ ई-कार्ट हैं जो महाकाल मंदिर परिसर में संचालित होती हैं। इनके अलावा एंबूलेंस, लोडिंग वाहन, मारुति वेन, बोलेरो, निर्माल्य वाहन आदि भी हैं। इन सभी वाहनों का मैंटेनेंस, पेट्रोल-डीजल, ड्राइवर की ड्यूटी आदि काम वाहन शाखा विभाग के जरिये होता है। वीआईपी को लाने-ले जाने की ड्यूटी भी वाहन शाखा द्वारा लगाई जाती है। वाहन में बैठकर गये दर्शनार्थी का प्रोटोकाल भी सुरक्षा गार्ड चैक नहीं करते। मौखिक निर्देश पर ही नंदी हाल से दर्शन भी हो जाते हैं। यह सब सुविधाएं वाहन शाखा में पदस्थ जिम्मेदारों को प्राप्त हैं।

कई स्थानों पर बरसों से काबिज है एक ही कर्मचारी, दावों के बाद भी फेरबदल नहीं

श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन व्यवस्था, भस्मारती, प्रोटोकाल शाखा आदि में कई कर्मचारी बरसों से एक ही स्थान पर तैनात हैं। जब भी कोई बड़ा मामला सामने आता है तब प्रचारित किया जाता है कि कर्मचारियों की ड्यूटी बदल-बदलकर लगाई जायेगी। कुछ लोगों की जिम्मेदारियों बदली भी जाती है, लेकिन वे चंद दिनों के बाद ही पुन: अपने स्थान पर तैनात हो जाते हैं। ऐसे कर्मचारियों में मंदिर समिति के कर्मचारियों के साथ ही सुरक्षा गार्ड और आउटसोर्स कर्मचारी भी हैं।

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