मनमानी दर्शन व्यवस्था चल रही है महाकाल मंदिर में

महाकाल मंदिर में अफसर-खाकी-कर्मचारी तय करते हैं कहां से कराना है दर्शन, नियम-कायदे कुछ नहीं

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में इन दिनों पांच स्तरीय दर्शन व्यवस्था (गर्भगृह, गर्भगृह की देहरी, नंदी हाल, बेरिकेड्स नंबर १ और पीछे के अन्य बेरिकेड्स) चल रही है। यह व्यवस्था किसी नियम कायदे के मुताबिक नहीं बल्कि जिम्मेदारों की मनमर्जी पर चल रही है। अफसर, कर्मचारी, पुलिस जिसे जहां से चाहें वहां से दर्शन करवा सकते हैं।

नियमों के मुताबिक महाकाल मंदिर में आम दर्शनार्थी और शीघ्र दर्शन (२५० रुपए रसीद) के दर्शनों की व्यवस्था तय है। इस व्यवस्था के मुताबिक आम दर्शनार्थी को मानसरोवर भवन से प्रवेश कर बेरिकेड्स से करीब २०० फीट दूर से भगवान महाकाल के दर्शन करना है। वहीं शीघ्र दर्शन का रसीद लेने वाले दर्शनार्थी के लिये गेट नंबर ४ और १ तय है जहां से वे बिना कतार के शीघ्रता से अंदर पहुंचकर बेरिकेड्स नंबर १ से भगवान महाकाल के दर्शन कर सकते हैं।

नियम सिर्फ आम दर्शनार्थी के लिये

मंदिर समिति ने तमाम नियम सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देकर बना रखे हैं। जैसे कोई बेग, पूजन-सामग्री, मोबाइल आदि अंदर नहीं ले जायेगा। लेकिन ये पाबंदी सिर्फ आम दर्शनार्थी के लिये हैं। विशेष कृपा पात्र दर्शनार्थी इन सभी वस्तुओं को लेकर अंदर प्रवेश कर रहे हैं। अंदर जाकर मोबाइल से फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी भी कर रहे हैं। लेकिन इन्हें रोकने की हिम्मत किसी की नहीं। लेकिन कोई आम दर्शनार्थी अगर मोबाइल ले जाने की कोशिश करता है तो सुरक्षाकर्मी उसके साथ अभद्रता पर भी उतारू हो जाते हैं।

तरह-तरह की दर्शन व्यवस्था बना रखी है जिम्मेदारों ने

आम दर्शन और शीघ्र दर्शन के अलावा अन्य दर्शन व्यवस्थाएं भी जिम्मेदारों ने बना दी है। जो कि उनके मुताबिक बदलती रही है। जिम्मेदारों के इशारे पर गर्भगृह, गर्भगृह की देहरी, नंदी हाल और बेरिकेड्स नंबर १ से दर्शन व्यवस्था भी तय की जाती है। इसका कोई नियम नहीं है। इसे प्रोटोकाल व्यवस्था नाम दिया गया है।

गर्भगृह में किसी को दर्शन कराना है तो भस्मारती के पहले हरिओम जल के बहाने अंदर भेज दो, इसके अलावा गर्भगृह की देहरी, नंदी हाल और बेरिकेड्स नंबर १ से दर्शन कराने की व्यवस्था अफसरों की मनमर्जी की मुताबिक तय होती है। यह व्यवस्था सिर्फ अफसर ही नहीं मंदिर समिति के कर्मचारी, पंडे-पुजारी को भी तय करने का अधिकार है।

शनि प्रदोष पर दिनभर चली मनमानीपूर्ण दर्शन व्यवस्था

आम तौर पर प्रदोष पर देशभर के दर्शनार्थी यहां दर्शन के लिये आते हैं। इन लोगों ने अपनी दर्शन व्यवस्था भी तय कर रखी है। कोई अफसरों की मदद लेता है तो कोई पुलिस विभाग तो कोई मंदिर कमचारी और पंडे-पुजारी की मदद लेकर नंदी हाल, गर्भगृह की देहरी से दर्शन करने के प्रयास में रहते हैं।

इसके लिये सभी प्रवेश द्वार और नगाड़ा गेट पर भी ऐसे ही कर्मचारी तैनात किये जाते हैं जो सभी तरह की सेटिंग पर खरे उतरते हों। शनिवार को भी नगाड़ा गेट पर तैनात कर्मचारी पंडे-पुजारी, खाकी और मंदिर कर्मचारियों के इशारों के मुताबिक ही दर्शनार्थियों को बेरिकेड्स नंबर 1 या नंदी हाल में दर्शनार्थियों को प्रवेश कराने में जुटा रहा। प्रोटोकाल लेकर आने वाले अन्य दर्शनार्थी उसकी अभद्रता का शिकार होते रहे।

कलेक्टर ने श्री महाकालेश्वर मंदिर की व्यवस्था के हाल जाने

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष व कलेक्टर रोशनकुमार सिंह ने शनिवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर वहां की व्यवस्था देखी। प्रशासक प्रथम कौशिक व अन्य अधिकारी भी साथ थे। कलेक्टर ने अधिकारियों के साथ श्री महाकालेश्वर मंदिर के बाहरी एवं आंतरिक क्षेत्र का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने श्री महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार- रविवार को दर्शनार्थियों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए सभी दर्शन मार्गों का भ्रमण किया व दर्शनार्थियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो व श्रद्धालु अच्छा अनुभव लेकर जाए, इस हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किये। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर श्री सिंह द्वारा अपील की गई कि मोबाईल व अन्य वस्तुयें उचित स्थान पर रखकर ही मंदिर में प्रवेश करें। निरीक्षण के दौरान मंदिर परिसर में चल रहे निर्माण कार्यो- विद्युत व्यवस्था, सफाई व्यवस्था व सुरक्षा आदि के सम्बंध में महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश प्रदान किये गए।

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