पूर्व मेजर जनरल ने कांग्रेस कार्यालय में की प्रेस वार्ता, बोले- सेना का अपमान नहीं सहेंंगे
उज्जैन, अग्निपथ। मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार में जनजातीय कार्यमंत्री विजय शाह और उपमुख्यमंत्री जगदीश देवडा़ के सार्वजनिक मंच से दिए बयानों को लेकर देशभर में आक्रोश मचा हुआ है। अब मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के सेवानिवृत्त सैनिकों ने भी बयानों को लेकर मंत्री और सरकार के खिलाफ ंमोर्चा खोल लिया है।
शनिवार को क्षीरसागर स्थित कांग्रेस कार्यालय पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश भाटी के साथ पूर्व मैजर जनरल श्याम श्रीवास्तव ने प्रेसवार्ता की। उन्होंने कहा कि मंत्री विजय शाह ने कर्नल सौफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन कहा, यह सेना का अपमान है। भारतीय सेना ने कर्नल सौफिया कुरैशी को अपना प्रवक्ता नियुक्त किया था।
प्रवक्ता सैना का मुखौटा होता है और सर्वश्रेष्ठ को चुनकर प्रेस से मुखातिब किया जाता है। इधर मध्यप्रदेश के ही उपमुख्यमंत्री राजेंद्र देवड़ा कहते हैं कि सेना मोदी के चरणों में नतमस्तक है। श्रीवास्तव ने कहा कि राष्ट्रपति तीनों सेनाओं के सुप्रीम कमांडर होते हैं।
भारतीय सेना किसी व्यक्ति विशेष के लिए काम नहीं करती, सेना काम करती है अपनी मातृभूमि और सरकार के लिए। सरकार चाहे बीजेपी की हो या फिर कांग्रेस की। मंत्रियों द्वारा इस तरह के बयान दिए गए हैं जो सेना का अपमान करने वाले हैं।
सरकार क्यो नहीं करती कार्रवाई
पूर्व मैजर जनरल श्रीवास्तव ने प्रेस से चर्चा में कहा कि मंत्रियों ने भारतीय सेना का अपमान किया है। कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई के निर्देश दिए। जबकि मध्यप्रदेश सरकार अपने मंत्रियों को बचा रही है। सरकार को तुरंत ऐसे मंत्रियों को पद से हटाने की कार्रवाई करना चाहिए।
सेना के पराक्रम से हर भारतीय गर्वित है
उन्होंने कहा कि हमें अपनी भारतीय सेना पर गर्व है। सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से पाकिस्तान में फलफूल रहे 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया। पाकिस्तान से आए ड्रोन और मिसाइलें हवा में ही ध्वस्त कर दिए। उन्होंने एक गोला फैंका तो हमने 10 गोले फै के।
पूर्व मैजर जनरल श्रीवास्तव ने कहा कि हमारी सशस्त्र सेना, वायु सेना और नैवी पूरी तरह पाकिस्तान पर हावी थी। हम इतिहास दौहरा सकते थे लेकिन अचानक सीज फायर क्यों किया गया। हालांकि सेना के इस अद्भुत पराक्रम से हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारी सेना धर्म निरपेक्षता की मिसाल