उज्जैन, अग्निपथ। रामसखा गौतम सभागृह में मंगलवार को अखिल भारतीय क्षत्रिय महासंघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण बैठक में देशहित से जुड़े कई प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग को निरंतर जारी रखने, समाज के महापुरुषों के इतिहास के संरक्षण और विभिन्न संगठनों को एकजुट करने पर जोर दिया गया। साथ ही, अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (SC/ST Act) के दुरुपयोग को रोकने के लिए भी रचनात्मक प्रयास करने का संकल्प लिया गया।
मुख्य प्रस्ताव और चर्चा के बिंदु
बैठक की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र सिंह ने बताया कि आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग को लेकर पूर्व में तीन बार रथ यात्राएं निकाली जा चुकी हैं, और इस लड़ाई को आगे भी लगातार जारी रखा जाएगा। यह महासंघ का एक प्रमुख एजेंडा है जिस पर निरंतर कार्य किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, समाज के महापुरुषों के गौरवशाली इतिहास के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उनका मानना था कि नई पीढ़ी को अपने इतिहास और विरासत से जोड़ने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है। महासंघ विभिन्न क्षत्रिय संगठनों को एक मंच पर लाने का भी प्रयास करेगा ताकि समाज की शक्ति और प्रभाव को बढ़ाया जा सके।
बैठक में अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के दुरुपयोग को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने पर भी विचार-विमर्श किया गया। महासंघ का मानना है कि इस अधिनियम का मूल उद्देश्य कमजोर वर्गों को न्याय दिलाना है, लेकिन इसके दुरुपयोग से कई बार निर्दोष व्यक्तियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसे रोकने के लिए रचनात्मक और कानूनी पहलुओं पर काम किया जाएगा।
देश भर से जुटे प्रतिनिधि
इस अवसर पर देशभर के विभिन्न राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। युवा विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष डिंपल राणा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता ए.पी. सिंह सहित गोवा, हिमाचल, पांडिचेरी, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, तमिलनाडु, बिहार, गुजरात और आंध्र प्रदेश जैसे कई राज्यों के प्रतिनिधि इस महत्वपूर्ण बैठक में शामिल हुए।
बैठक का स्वागत उद्बोधन राष्ट्रीय महामंत्री श्री अनिल सिंह चंदेल ने दिया, जबकि संचालन राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य ठाकुर हृदययाल सिंह अधिवक्ता ने किया। मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष रामवीर सिंह सिकरवार ने उपस्थित सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम के दौरान, अतिथियों का साफा बाँधकर, शॉल-श्रीफल और बाबा महाकाल का चित्र भेंट कर अभिनंदन किया गया, जो उज्जैन की पावन नगरी में आयोजित इस अधिवेशन की गरिमा को बढ़ा रहा था। यह अधिवेशन क्षत्रिय समाज को एकजुट करने और उनके हितों की रक्षा के लिए एक नई दिशा प्रदान करने वाला साबित हुआ।