दर्शनार्थी बाल-बाल बचे
उज्जैन, अग्निपथ: उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकाल मंदिर में रविवार सुबह एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. मंदिर परिसर में नव-निर्मित टनल के निकास द्वार पर लगी POP (प्लास्टर ऑफ पेरिस) की छत अचानक टूटकर गिर गई. जिस वक्त यह घटना हुई, नीचे से सैकड़ों दर्शनार्थी गुजर रहे थे. यह महादेव की कृपा ही थी कि किसी भी दर्शनार्थी को कोई चोट नहीं आई और सभी बाल-बाल बच गए. इस घटना ने मंदिर के नए निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
कैसे हुआ यह हादसा?
यह घटना रविवार सुबह लगभग 8 बजे हुई. जानकारी के अनुसार, पालकी हॉल से एम्बुलेंस गेट तक निर्मित टनल की छत का पीओपी अचानक भरभराकर नीचे आ गिरा. यह वही टनल है जिसका उपयोग इन दिनों दर्शनार्थियों को बाहर निकालने के लिए किया जा रहा था, क्योंकि मंदिर में भारी भीड़ थी. सौभाग्य से, इस दुर्घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन यह एक गंभीर चेतावनी है.
पिछले कुछ दिनों से टनल परिसर की छत से लगातार पानी का रिसाव हो रहा था, जिसके कारण पीओपी ने छत को छोड़ दिया और वह ढह गई. यह समस्या मंदिर में हाल ही में हुए कई नए निर्माण कार्यों से जुड़ी है, जो ‘स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट’ के तहत किए गए हैं.
‘स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट’ के निर्माण पर उठे सवाल
यह टनल श्री महाकालेश्वर मंदिर विस्तार योजना के तहत आपातकालीन स्थिति में एम्बुलेंस के प्रवेश के लिए बनाई गई है. रविवार को अत्यधिक भीड़ के कारण, दर्शनार्थियों को इसी टनल से बाहर निकाला जा रहा था. कई स्थानों पर छत से पानी का बूंद-बूंद रिसाव साफ देखा गया था, जिसके कारण पीओपी के उखड़ने का खतरा पहले से मंडरा रहा था.
यह कार्य महाकाल मंदिर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत चल रहा है. घटना के तुरंत बाद, स्मार्ट सिटी परियोजना ने मंदिर में सुधार कार्य शुरू कर दिया है. गौरतलब है कि महाकाल मंदिर में हाल ही में कई नए निर्माण हुए हैं. लेकिन अब बारिश के मौसम में इन नव-निर्मित छतों से पानी के रिसाव की समस्या सामने आ रही है, जिससे पीओपी गिरने जैसे हादसों का खतरा बना हुआ है. यह घटना निर्माण की गुणवत्ता और उसके रखरखाव पर गंभीर सवाल खड़े करती है.
दर्शन व्यवस्था में तुरंत बदलाव
मंदिर में बढ़ती भीड़ को देखते हुए, मंदिर समिति ने पिछले एक महीने से दर्शनार्थियों के आने-जाने के लिए मंदिर की नव-निर्मित टनल का उपयोग निर्धारित किया था. इस हादसे के बाद, मंदिर प्रशासन ने तुरंत व्यवस्था में बदलाव किया है.
जिस स्थान पर पीओपी गिरी थी, वहां तुरंत हरी नेट लगाकर रास्ते को बंद कर दिया गया है. अब दर्शनार्थियों को रैंप से होकर बाहर निकाला जा रहा है. मंदिर प्रशासन को चाहिए कि वह भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी नए निर्माणों की गहन जांच करवाए और उनकी गुणवत्ता सुनिश्चित करे, ताकि बाबा महाकाल के भक्तों की सुरक्षा सर्वोपरि रह सके.