नगर निगम के उपयंत्री ने पत्रकार पर लगाया ब्लैकमेलिंग का आरोप

नगर निगम विशेष सम्मेलन

-10 लाख मांगने का दावा

उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहाँ नगर निगम के उपयंत्री मुकुल मेश्राम ने एक पत्रकार पर ब्लैकमेलिंग और 10 लाख की रंगदारी मांगने का गंभीर आरोप लगाया है। उपयंत्री ने इस संबंध में माधव नगर थाने में एक शिकायती आवेदन दिया है, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

क्या है पूरा मामला?

उपयंत्री मुकुल मेश्राम ने अपने शिकायती आवेदन में आरोप लगाया है कि पत्रकार अरविंद सिंह नील (निवासी 64, वररूचि मार्ग, फ्रीगंज, तथा शिवांस सिटी, हरिफाटक रोड) उनसे ₹10 लाख की मांग कर रहे हैं। मेश्राम का कहना है कि जब उन्होंने यह राशि देने से इनकार कर दिया, तो नील ने लगातार उनके खिलाफ सोशल मीडिया और व्हाट्सएप के माध्यम से भ्रामक, झूठी और निराधार खबरें प्रसारित करना शुरू कर दिया।

मेश्राम के अनुसार, पत्रकार नील पिछले दो-तीन वर्षों से ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि नील ने उनके सहकर्मियों के माध्यम से उन तक 10 लाख की मांग पहुंचाई थी। मेश्राम ने शिकायत में कहा कि वे एक तृतीय श्रेणी कर्मचारी हैं और इतनी बड़ी रकम की मांग पूरी नहीं कर सकते। आरोप है कि इसके बाद अरविंद नील ने उन्हें जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया और उनके खिलाफ झूठी व आधारहीन खबरें फैलाना शुरू कर दिया।

फर्जी ऑडियो का आरोप और मानसिक प्रताड़ना

उपयंत्री मेश्राम ने अपनी शिकायत में यह भी लिखा है कि पत्रकार नील ने उनका एक फर्जी ऑडियो रिकॉर्ड कर लिया और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर उन पर पैसे देने का दबाव बनाया। मेश्राम का आरोप है कि इससे उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया। उपयंत्री ने कहा कि पत्रकार नील के इन कृत्यों से वह मानसिक रूप से काफी परेशान हो गए हैं। इसी वजह से उन्होंने थाने में शिकायत कर प्रकरण दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है।

पत्रकार नील के पलटवार में क्या

पत्रकार अरविंद नील ने भी उपयंत्री मेश्राम के खिलाफ माधव नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने मेश्राम पर आत्महत्या और एट्रोसिटी एक्ट में फंसाने की धमकी देने का संगीन आरोप लगाया है। यह मामला अब दोनों पक्षों की शिकायतों के बीच उलझ गया है।

पत्रकार अरविंद नील ने अपने आवेदन में दावा किया है कि उपयंत्री मुकुल मेश्राम उन्हें धमकी दे रहे हैं कि यदि उन्होंने विकास जोशी और मेश्राम के बीच हुई कथित रिश्वतखोरी की बातचीत का ऑडियो वायरल किया, तो उन्हें एट्रोसिटी एक्ट में फंसा दिया जाएगा। नील का आरोप है कि मेश्राम ने व्हाट्सएप पर मैसेज भेजकर उन्हें धमकाया और यहाँ तक कि उनके माथे आत्महत्या तक करने की धमकी भी दी।

ऑडियो की फोरेंसिक जांच और अवैध वसूली का आरोप

मामले को और पेचीदा बनाते हुए, पत्रकार नील ने कथित रिश्वतखोरी के उस ऑडियो की फोरेंसिक जांच की मांग की है। इसके अलावा, उन्होंने उपयंत्री मुकुल मेश्राम के नगर निगम जोन 6 में कार्यकाल के दौरान 250 से अधिक भवन स्वामियों को दिए गए कथित अवैध निर्माण के नोटिस और उनसे की गई वसूली की भी जांच की मांग की है। नील ने मेश्राम की संपत्ति की भी जांच कराने की बात कही है, जो इस विवाद को और गहरा कर सकती है।

पुलिस का रुख: दोनों शिकायतों पर होगी जांच

माधव नगर थाना प्रभारी राकेश भारती ने इस संबंध में बताया, “पहले नगर निगम के उपयंत्री ने पत्रकार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उसके कुछ ही समय बाद, अब पत्रकार ने भी उपयंत्री के खिलाफ आवेदन दिया है। पुलिस दोनों पक्षों की शिकायतों को जांच में लेगी और तथ्यों की पुष्टि के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।”

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