उज्जैन,अग्निपथ।पिछले दो दिनों से देश में चल रही बैंक हड़ताल ने अर्थव्यवस्था की पूरी तरह कमर तोड़ दी है।उज्जैन जिले में भी इसका व्यापक असर रहा। हड़ताल समापन पर विभिन्न बैंक एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा की केंद्र की सरकार अगर बैंको के निजी करण का विचार नहीं त्यागती है तो देश की अर्थव्यवस्था जाम करने से भी हम नहीं चूकेंगे। हालांकि यह सारे निर्णय केंद्रीय समिति के माध्यम से लिया जायेगा।
देश के दस लाख कर्मचारी पिछले दो दिनों से बैंकों के निजीकरण के खिलाफ आंदोलन कर हड़ताल कर रहे थे। बैंक पिछले शनिवार से लगातार मंगलवार तक चार दिनों से बंद होने की वजह से सारी अर्थव्यवस्था डगमगा गई। लोगों के बैंकों से पैसे नहीं निकाल पा रहे थे,चेक क्लिरियंस भी नहीं हुए और लोन के मामले पूरी तरह से थम से गए। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले हड़ताल का आह्वान किया गया था जिसमें करीब उज्जैन जिले में 11 बैंको की 70 शाखाओं के एक हजार बैंक अधिकारी और कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।
फोरम के संयोजक यूएस छाबड़ा सहित अन्य पदाधिकारियों ने हड़ताल की सफलता के पश्चात मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है। अगर सरकार ने बैंकों के निजीकरण का इरादा वापस नहीं लिया तो हमें मजबूर होकर कड़े फैसले लेने के लिए बाध्य किया जाएगा हो सकता है हम देश की अर्थव्यवस्था को जाम करने के लिए अर्थव्यवस्था का सर्वर ही डाउन कर दे। उन्होंने कहा है कि बैंकों पर कई तरह के काम लाभ दिए गए हैं परंतु कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई नहीं गई है, इसके कारण को उन्हे कई तरह की परेशानियों के साथ ग्राहकों के भी उलाहने झेलने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
बैंक पदाधिकारियों ने कहा है कि सरकार बैंको का निजी करण कर जनता का पैसा निजी हाथों में सौंपने जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी बैंकों के माध्यम से गरीब लोगों को कई तरह के ऋण दिलाने में कर्मचारियों और अधिकारियों ने जी तोड़ मेहनत की जबकि निजी बैंकों के द्वारा मामूली लोन देकर रस्म अदायगी की गई है। पत्रकार वार्ता के दौरान हेमंत श्रीवास्तव, केशव गंगराड़े, राजेंद्र नगर, केशव पंड्या, प्रवीण जेठवा, मुकेश नीम, संतोष राव, प्रवीण मेहता, पायल मंडलिया, गिरोया मसीह आदि मौजूद थे।