उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन की एक स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने एक चौंकाने वाले मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। घट्टिया थाना क्षेत्र के ग्राम देवनखेड़ी में 13 वर्षीय नाबालिग लड़की से दुष्कर्म कर उसे गर्भवती करने वाले आरोपी अनिल पिता अर्जुन ठाकुर (उम्र 35 वर्ष) को 20 साल कैद और 4,000 के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।
कैसे सामने आया ये जघन्य अपराध?
मीडिया सेल प्रभारी कुलदीप भदौरिया ने बताया कि यह घटना तब सामने आई जब 29 जून 2023 को पीड़िता की मां ने घट्टिया थाने में आरोपी अनिल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पीड़िता की मां ने पुलिस को बताया कि अनिल देवनखेड़ी में सरकारी जमीन पर खेती करता है, जहाँ उसने महिला को चौकीदारी के लिए काम पर रखा था।
इसी दौरान, पीड़िता की मां किसी प्रकरण में जेल चली गई, जिससे उसकी 13 साल की बेटी अकेली रह गई। आरोपी अनिल ने इस बात का फायदा उठाया। उसने नाबालिग लड़की को डरा-धमकाकर कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया, जिसके कारण वह गर्भवती हो गई। इतना ही नहीं, आरोपी ने उज्जैन के एक निजी अस्पताल में नाबालिग की डिलीवरी भी करवा दी।
जब पीड़िता की मां जेल से छूटकर आई, तो उसकी बेटी ने उसे सारी सच्चाई बताई। इसके बाद मां और बेटी ने वह जगह छोड़ दी और दूसरी जगह जाकर रहने लगे। लेकिन, इसके बावजूद आरोपी अनिल अपने दोस्तों के साथ आकर नाबालिग से दुष्कर्म करता रहा और अपने दोस्तों से भी उसका शोषण करवाता था।
न्याय की जीत: आरोपी को मिली कठोर सजा
इस सबसे परेशान होकर, पीड़िता की मां ने आखिरकार थाने पहुंचकर आरोपी अनिल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने जांच के बाद पॉक्सो एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया और न्यायालय में पेश किया। फास्ट ट्रैक कोर्ट में इस मामले की सुनवाई की गई। आरोपी अनिल के खिलाफ सभी आरोप साबित होने पर, विशेष न्यायाधीश ने उसे 20 साल कैद की कठोर सजा सुनाई।
पीड़िता को 4 लाख का प्रतिकर
न्यायालय ने मानवीय संवेदना दिखाते हुए पीड़िता को ₹4 लाख की प्रतिकर राशि का भुगतान करने का भी आदेश दिया है। यह आदेश माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए न्याय दृष्टांत प्रतिकर योजना 2018 को ध्यान में रखते हुए पारित किया गया है।
यह फैसला ऐसे जघन्य अपराधों को रोकने के लिए एक मजबूत संदेश देता है और यह सुनिश्चित करता है कि नाबालिगों के खिलाफ होने वाले अपराधों में न्याय मिले।