यूडीए के वाहन चालक ने खुद को गोली मारकर जान दी

वाट्सअप पर लिखा संघर्ष बहुत किया, लेकिन जिंदगी से हार गया

उज्जैन,अग्निपथ। यूडीए (उज्जैन विकास प्राधिकरण) के वाहन चालक ने मंगलवार शाम लाईसेंसी बंदूक से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। जान देने से पहले उसने वाट्सअप पर पोस्ट डाली कि जीवन में संघर्ष बहुत किया, लेकिन जिंदगी से हार गया। घटना की वजह तो संभवत: बीमारी और गृह कलेश हो सकता है। मामले मेें नानाखेड़ा पुलिस जांच कर रही है।

जवाहर नगर निवासी योगेश पिता शिवदीन सेन (40) यूडीए में वाहन चालक था। मंगलवार को 3 बजे ड्यूटी कर घर पहुंचा और वाट्सअप पर सुसाइड की पोस्ट डाल अपनी दोनाली लाइसेंसी बंदूक से सीने पर गोली मार ली। पता चलते ही एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल, एएसपी अमरेंद्रसिंह, सीएसपी वंदना चौहान, टीआई ओपी अहीर व एसआई तरुण कुरील मौके पर पहुंच गए। प्रारंभिक जांच में योगेश के आत्महत्या की वजह का पता तो नहीं चला लेकिन मालूम पड़ा कि योगेश शुगर, ब्लड पे्रशर व हार्ट की बीमारी से पीडि़त था। आदतन शराबी होने से घर में भी विवाद होता रहता था। संभवत: इन्हीं कारणों के चलते उसने आत्मघाती कदम उठाया है। हालांकि परिजनों के बयान नहीं होने से घटना की वजह फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाई है।

पिता भी यूडीए में प्यून

योगेश 1999 में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में यूडीए में नौकरी पर लगा और बाद में कोर्ट के आदेश पर नियमित हुआ। उसके पिता भी यूडीए में प्यून हैं। योगेश की चार पुत्रियां हैं। एक की शादी हो गई है वह पत्नी व तीन पुत्रियों के साथ रहता था। घटना से मात्र 10 मिनट पहले ही उसकी पत्नी समीप रहने वाले ससुर के घर गई थी।

ग्रुप पर पोस्ट से पता चला

यूडीए पीआरओ प्रवीण गेहलोत ने बताया कि यूडीए के ग्रुप पर 3.44 मिनट पर योगेश ने फोटो के साथ पोस्ट डाली कि योगेश भाई नहीं रहे। आज ओपन लाइसेंसी बंदूक से जीवन समाप्त कर लिया। जीवन में बहुत संघर्ष किया, लेकिन अपनी जिंदगी से हार गए। पोस्ट देखते ही चालक ब्रजभान यादव को उसके घर भेजा तो योगेश लहुलुहान मिला।

कलेक्टर ने दिलाया था लाईसेंस

योगेश वर्ष 2016 में तात्कालीन कलेक्टर संकेत भोंडवे का कार चालक था। उस दौरान भी उसने जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया था। दो साल पहले ही उसने बंदूक का लाइसेंस लिया था। फिलहाल वह संभागायुक्त संदीप यादव की भी कार चला रहा था।

रोक सकते है आत्महत्या- डॉ. अग्रवाल

जिले में बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं को देखते हुए अग्निपथ ने मनोचिकित्सक डॉ. विनीत अग्रवाल से चर्चा की। उन्होंने कहा आत्महत्या की वजह मनोरोग होता है। कोई भी व्यक्ति एकदम आत्मघाती स्टेप नहीं उठाता। जानकारी के बावजूद संभवत: परिजन इग्नोर कर देते है। बहुत दिन परेशान रहने पर ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है। इसका उपाय है कि व्यक्ति की परेशानी को देख विशेषज्ञ से जांच करवाकर सलाह लें। पीडि़ता का सही तरीके से इलाज करवाया जाए तो आत्महत्या की घटना रोकी जा सकती हैं। हाल ही में सरकार ने नई गाईड लाइन जारी की है उसमें भी आत्महत्या के पीछे आत्महत्या के पीछे मनोरोग कारण बताया है।

यूडीए कर्मचारी के आत्महत्या की वजह तो पता नहीं चली, लेकिन मालूम पड़ा कि उसे कई बीमारी थी और शराब का आदी होने से गृह कलेश भी होता रहता था। जांच के बाद कारण स्पष्ट हो पाएगा।
-वंदना चौहान, सीएसपी, नानाखेड़ा

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