मानसिक प्रताड़ना का मामला
देवास, अग्निपथ। उदयनगर थाना क्षेत्रांतर्गत ग्राम पुतलीपुरा धोपघटा में एक ही परिवार के चार सदस्यों द्वारा सामूहिक आत्महत्या किए जाने के मामले में पुलिस ने कुछ ही घंटों में कार्रवाई करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना 23 जून 2025 को हुई थी, जब ग्राम निवासी राधेश्याम कन्नोजिया (50) ने अपनी पत्नी रंगुबाई, बेटियों आशा और रेखा के साथ मिलकर खरपतवार नाशक दवा का सेवन कर आत्महत्या कर ली थी।
आत्महत्या का कारण
पुलिस जांच में सामने आया कि राधेश्याम का पुत्र एक युवती को भगाकर ले गया था। इसी बात को लेकर युवती के परिजन और रिश्तेदार लगातार राधेश्याम और उसके परिवार को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे। इसी प्रताड़ना से आहत होकर परिवार ने सामूहिक आत्महत्या का यह भयावह कदम उठाया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
सामूहिक आत्महत्या को गंभीरता से लेते हुए देवास पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोत ने तत्काल आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (यातायात) हरनारायण बाथम के मार्गदर्शन और अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) बागली सृष्टि भार्गव के निर्देशन में थाना प्रभारी सुनीता कटारा के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने पुतलीपुरा धोपघटा, मगरादेह, पटाड़ीपाला, सोबल्यापुरा, रामपुरा तथा देवनलिया सहित विभिन्न संभावित ठिकानों पर दबिश दी और कुछ ही घंटों में सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपी
- ममताबाई पति दिलीप (40), निवासी रामपुरा।
- भोलू उर्फ भोलिया पिता जोगु (50), निवासी सोबल्यापुरा पुंजापुरा।
- नरसिंह पिता रेवसिंह (35), निवासी सोबल्यापुरा पुंजापुरा।
- अनीता पति भोलू मोर्य (35), निवासी सोबल्यापुरा पुंजापुरा।
- भेरूसिंह पिता रेवसिंह डोडवे (23), निवासी झाड़कापुरा देवनलिया।
सामूहिक आत्महत्या मामले में दर्ज की गई धाराएं
मामले में थाना उदयनगर में मार्ग क्रमांक 233/01.07.2025 के अंतर्गत भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 104, 84, 296, 323(3), एवं 3(5) के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
इस सफल कार्रवाई में थाना प्रभारी सुनीता कटारा के साथ-साथ उपनिरीक्षक राकेश कुमार सिंह, संजय सिंह भदौरिया, बी.एस. भिलाला, प्रआर मनीष मीना, प्रमोद मेहना, संतोष अहिरवार, मप्रआर सुनीता कवचदे, आरक्षक दीपक पटेल, मगन बामनिया, अरुण गोर, शंकर सोलंकी, सुधीर, प्रताप परिहार, प्रियंका बारिया एवं सैनिक धनसिंह देवड़ा की अहम भूमिका रही।