धार, अग्निपथ। धार जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मांडू में एक शर्मनाक घटना सामने आई है। बड़ौदा के जाने-माने चिकित्सक और पद्मश्री से सम्मानित डॉक्टर सुब्रत राय अपनी पत्नी के साथ मांडू भ्रमण पर आए थे, जब आवारा कुत्तों ने उनकी पत्नी को काट लिया। उपचार के लिए जब परिवार मांडू के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचा, तो उन्हें यह कहकर लौटा दिया गया कि रेबीज का इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है और उन्हें नालछा जाना पड़ेगा।
स्थानीय मीडिया के हस्तक्षेप के बाद ही परिवार को दूसरी बार अस्पताल में रेबीज का इंजेक्शन लग सका। देश के इतने प्रतिष्ठित व्यक्ति को इस तरह की अव्यवस्था का सामना करना पड़ा, जिससे डॉक्टर सुब्रत राय व्यवस्थाओं को लेकर बेहद आहत नजर आए।
दुर्घटनाएँ आम बात, स्वास्थ्य सेवाएँ बदहाल
दरअसल, मांडू में आम और विशिष्ट अतिथियों के साथ दुर्घटनाएँ होना अब आम बात हो गई है, बावजूद इसके यहाँ की व्यवस्थाओं में कोई सुधार देखने को नहीं मिलता है। शनिवार को हुई इस घटना में डॉक्टर सुब्रत राय की पत्नी सुषमा राय को पैर में कुत्ते ने काट लिया। रेबीज का इंजेक्शन लगवाने वे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मांडू पहुँचे, जहाँ उन्हें एक कक्ष से दूसरे कक्ष तक भटकना पड़ा और कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
मीडियाकर्मियों को जानकारी मिलने के बाद वे अस्पताल पहुँचे। मीडिया की उपस्थिति में पहले डॉक्टर ने साफ कह दिया कि रेबीज का इंजेक्शन नहीं है और उन्हें नालछा जाना पड़ेगा। जब डॉक्टर राय और मीडिया ने रेबीज के उपलब्ध न होने का कारण पूछा, तो डॉक्टर ने स्टाफ को आवाज लगाकर पूछा कि क्या इंजेक्शन उपलब्ध है।
इसके बाद उपस्थित नर्स ने बताया कि कुछ इंजेक्शन रखे हैं, जिसके बाद सुषमा राय को रेबीज का इंजेक्शन लगाया गया। इस विषय में डॉक्टर का कहना था कि उन्हें नहीं पता था कि इंजेक्शन रखा है।
“हाईवे के मसीहा” को भटकना पड़ा उपचार के लिए, सुविधाओं का अभाव।
पीड़ितों की सेवा करने वाले “हाईवे के मसीहा” को स्वयं उपचार के लिए भटकना पड़ा। डॉक्टर सुब्रत राय को देश का सर्वोच्च पद्मश्री सम्मान मिला है और वह लाइफलाइन संस्था के सीईओ हैं। 1999 में अपनी पत्नी के साथ हाईवे पर सफर के दौरान दुर्घटना होने पर उन्हें 6 घंटे तक उपचार नहीं मिला था।
उसी अनुभव के बाद से वह लोगों को सही समय पर दुर्घटना के बाद उपचार मिले, इसी को लेकर समाज में लगातार काम कर रहे हैं। अब तक वे कई लोगों की जान बचा चुके हैं और उनकी पत्नी सुषमा राय इस काम में उनका पूरा सहयोग करती हैं। उनके परिवार को “हाईवे का मसीहा” कहा जाता है।
देश में आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधा 108 एम्बुलेंस सेवा शुरू करवाने में भी उनका बड़ा योगदान है। डॉक्टर सुब्रत राय ने चर्चा में कहा कि मांडू देश का एक बड़ा पर्यटन स्थल है और यहाँ छोटी सुविधाओं के लिए पर्यटकों को भटकना पड़े तो यह अच्छा नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि पहले उन्हें रेबीज के लिए मना क्यों किया गया और बाद में इंजेक्शन क्यों लगाया गया, और यह भी कहा कि यहाँ सुविधाओं का विस्तार होना चाहिए।
आवारा कुत्तों का आतंक, स्वास्थ्य सुविधाएँ वेंटिलेटर पर।
पर्यटन नगरी होने के बावजूद मांडू में पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर तैयारियाँ धरातल पर नजर नहीं आती हैं। यहाँ बड़ी संख्या में आवारा कुत्ते हैं, जो कई बार देसी-विदेशी पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय नागरिकों को भी अपना शिकार बना चुके हैं। यहाँ स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी और दुकानदार भी इनसे परेशान हैं। नगर परिषद और प्रशासन द्वारा इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। इतना बड़ा पर्यटन स्थल होने के बावजूद, यहाँ सिर्फ एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है, जहाँ सुविधाओं का घोर अभाव है और स्वास्थ्य सुविधाएँ “वेंटिलेटर पर” हैं।